(आधुनिक हिन्दी कविता के) तृतीय उत्थान में आकर परिस्थिति बहुत बदल गई । आन्दोलनों ने सक्रिय रूप धारण किया और गाँव–गाँव राजनीतिक और आर्थिक परतन्त्रता के विरो/ा की भावना जगाई गई । सरकार से कुछ माँगने के स्थान पर अब कवियों की वाणी देशवासियों को ही ‘स्वतन्त्रता देवी की वेदी पर बलिदान’ होने को प्रोत्साहित ..
"Agniveer Vayu (Indian Airforce) Bhartiya Vayu Sena Science Subjects Bharti Pareeksha 25 Practice Sets भारतीय वायु सेना द्वारा आयोजित “अग्निवीर वायु भर्ती परीक्षापुस्तक के मुख्य अंश:प्रस्तुत पुस्तक भारतीय वायु सेना द्वारा आयोजित “अग्निवीर वायु भर्ती परीक्षा” (Science Subjects) की तैयारी करने वाल..
"Agniveer Vayu (Indian Airforce) Bhartiya Vayu Sena Science Subjects Bharti Pareeksha 25 Practice Sets भारतीय वायु सेना द्वारा आयोजित “अग्निवीर वायु भर्ती परीक्षापुस्तक के मुख्य अंश:प्रस्तुत पुस्तक भारतीय वायु सेना द्वारा आयोजित “अग्निवीर वायु भर्ती परीक्षा” (Science Subjects) की तैयारी करने वाल..
‘दिवाला से दीवाली तक’ भारतीय रेल के अभूतपूर्व कायाकल्प की आँखोंदेखी अंतर्कथा पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करती है, जिसने तब परिणाम दिए जब परंपरागत नुस्खे लागू नहीं किए जा सकते थे।-मोंटेक सिंह आहलूवालिया, उपाध्यक्ष, योजना आयोग, भारत सरकार ‘इस पुस्तक में इस तथ्य को बखूबी प्रस्तुत किया गया है कि प्रभावी ने..
With Meer, Ghalib, Iqbal and Faiz, to name only four, the firmament of Urdu poetry is truly star-studded, with Humerous starlets strewn around. Ghalib has not only pride of place among them but his stature is growing with every passing decade. He was ahead of his time, and his contemporaries failed ..
जाति और अस्पृश्यता के दलदल में फँसे भारतीय समाज को उबारने का उपक्रम करनेवालों में डॉ. आम्बेडकर अग्रणी हैं। दुर्दम्य जिजीविषा वाले बाबासाहेब जैसे सत्पुरुष किसी-किसी देश में पैदा होते हैं। उन्होंने स्वाधीनता आन्दोलन, मज़दूर आन्दोलन, प्रशासन और समाज को एक साथ प्रभावित किया।बाबासाहेब ने आकाशवाणी पर दि..
‘‘यह मेरा पहला उपन्यास है। लिखा सन् 1956 में गया था, यह उसी समय पूरा का पूरा हंस में छपा था। फिर सन् 68-69 या शायद इसके बाद श्री प्रेम कपूर ने इस पर फ़िल्म बनाई ‘बदनाम बस्ती’। मेरे लिए यह उपन्यास उतना ही प्रिय है जितनी प्रिय मेरे लिए मेरी माँ और मेरी जन्मभूमि मैनपुरी। तब यह उपन्यास बदनाम बस्ती के ना..
यह पुस्तक मोहन राकेश की कुछ आरम्भिक-अज्ञात कुछ अल्प-ज्ञात, कुछ आधी-अधूरी और कुछ पूरी-परिपक्व एवं चर्चित, किन्तु पुस्तक रूप में अब तक अप्रकाशित, लगभग सम्पूर्ण रचनाओं का अनूठा संकलन है। इसमें छपे आत्म-कथ्य, साक्षात्कार, नाट्य-लेख, एकांकी, उपन्यास, कहानी, संस्मरण, डायरी, पत्र, फ़िल्मालेख, ध्वन्यावलोकन..
कहा गया है कि अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह काश्मीर ही है और ‘ऐलान गली ज़िन्दा है’ उपन्यास इसी स्वर्ग के हाशिये पर दरिद्रता, अज्ञान और अभावों में पल रहे लोगों की संस्कृति और जीवन-संघर्षों को बहुत अन्तरंग विवरणों के साथ उजागर करता है। जहाँ आज धर्म, जाति और भाषा के नाम पर आदमी-आदमी के बीच दीवारें ..
This book is a collection of messages and discussions which author shared with young medical students over scores of mentoring sessions both as workshops and individual discussions.
There are several traits and ideas which help you reach where you want to reach in life, but it all begins with an ..
Foundations are essential for success in all walks of life. They provide the fundamental support that buildings, people, and organizations need in order to continue to grow. Without a firm footing at the beginning of any enterprise, few projects, people, or programs will succeed. Henry David Thoreau..
‘गली आगे मुड़ती है’ उपन्यास ‘अलग-अलग वैतरणी’ के लेखक के निजी जीवन का मोड़ था। शिवप्रसाद सिंह 1974 तक ‘ग्राम कथा’ और ‘वैतरणी’ जैसे विख्यात उपन्यासों के लेखक के रूप में अपना एक अलग स्थान बना चुके थे। वे पुराने लोकेशन (परिवेश) को कभी दुहराते नहीं। इसलिए ‘गली’ में वे काशी जैसे विरले नगर की अनेकानेक छवियों..