विज्ञान - Glacier
ऊँचे पर्वतों पर अथवा ध्रुवीय प्रदेशों में मानव आबादियों से दूर, निर्जन प्रदेशों में वास करनेवाले ग्लेशियर बर्फ के निर्जीव पिंड नहीं हैं, वे ‘जीवित प्राकृतिक संरचनाएँ’ हैं। वे पृथ्वी पर पेयजल के सबसे बड़े भंडार हैं और अनेक विशाल नदियों के स्रोत हैं। वे हमें उस समय पानी देते हैं जब हमें उसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है।
वर्तमान में पृथ्वी का लगभग दस प्रतिशत भाग ग्लेशियर-आच्छादित है, परंतु विभिन्न भूवैज्ञानिक कालों में उनका साम्राज्य घटता-बढ़ता रहा है। एक समय, जब भारत गोंडवानालैंड का भाग था, तब उसके अनेक मैदानी भागों पर उनका आधिपत्य था। आज भी ध्रुवीय-प्रदेशों और ग्रीनलैंड के बाद सबसे अधिक ग्लेशियर हिमालय पर्वत पर हैं। यद्यपि भूवैज्ञानिक कालों के दौरान विभिन्न प्राकृतिक कारणों से ग्लेशियर सिकुड़ते रहे हैं, परंतु वर्तमान में मानवजन्य कुकृत्यों के फलस्वरूप उनके सिकुड़ने की गति तेज हो गई है। अब उनकी सुरक्षा बहुत जरूरी हो गई है।
प्रस्तुत पुस्तक में ग्लेशियरों के निर्माण, उनकी गतिविधियों के साथ-साथ हिमालय के ग्लेशियरों के अभिलक्षणों, उनके ह्रास के कारण और सुरक्षा के उपायों का वर्णन है। सरल-सुबोध भाषा शैली में लिखी तथा चित्रों से भरपूर यह पुस्तक विशेषज्ञों के साथ-साथ जनसाधारण को भी अवश्य रुचिकर लगेगी।
विज्ञान - Glacier
Glacier - by - Prabhat Prakashan
Glacier -
- Stock: 10
- Model: PP2456
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2456
- ISBN: 9788177210903
- ISBN: 9788177210903
- Total Pages: 150
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2018
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00