विज्ञान - Bharatiya Sanskriti Ka Samvahak Indonesia
हजारों साल बाद भी भारतीय संस्कृति का जीवंत रूप देखना है तो इंडोनेशिया जाना चाहिए। नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर और विशिष्ट संस्कृतिवाला इंडोनेशिया बड़े वर्ग को आकर्षित करता है। न केवल इंडोनेशिया ने अपने को भारत की अमर सनातन संस्कृति से जोड़ा है, बल्कि उसे समृद्ध बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
धर्म, संप्रदाय, भाषा, क्षेत्र और जाति की परिधि में अपने को समेटकर हम लालच में पड़कर नैतिकता को छोड़ पतन की तरफ जा रहे हैं। ऐसे में इंडोनेशिया ने न केवल भारतीय संस्कृति को सहेजकर रखा है, बल्कि उसे संरक्षित, संवर्धित करने में सफलता पाई है।
इस पुस्तक में इंडोनेशिया-भारत की प्रगाढ़ मित्रता, सामरिक साझेदारी का उल्लेख है, वहीं इंडोनेशिया के भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक पक्ष को सुधी पाठकों के समक्ष रखा है। इसमें इंडोनेशिया की संस्कृति, शिक्षा, परंपराओं, इतिहास और इस देश की विकास की कहानी को पाठकों से साझा किया गया है। बदलते विश्व परिदृश्य में भारत-इंडोनेशिया की सामरिक मित्रता, बढ़ते व्यापारिक रिश्तों के साथ-साथ एशिया में इंडोनेशिया-भारत की बढ़ती भूमिका और दक्षिण-पूर्व प्रशांत क्षेत्र में विश्व शांति की स्थापना में दोनों देशों की साझी नीतियों और उनके योगदान की चर्चा की है। इस कृति से दोनों देशों के लोगों को एक-दूसरे के निकट आने में मदद मिलेगी। अनुक्रमदो शब्द—Pgs. 71. इंडोनेशिया की अविस्मरणीय यात्रा—Pgs. 17इंडोनेशिया :
भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक परिचय2. इंडोनेशिया : एक परिचय— भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक जीवन—Pgs. 433. इंडोनेशिया का इतिहास—Pgs. 644. इंडोनेशिया में शिक्षा—Pgs. 745. इंडोनेशिया के धर्म—Pgs. 846. गुरुदेव की इंडोनेशिया यात्रा : सर्जनवीयता और विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना—Pgs. 977. इंडोनेशिया : विश्व पर्यटन के फलक पर—Pgs. 1208. भारत और इंडोनेशिया : सामरिक साझेदारी में बदलती मित्रता—Pgs. 1399. इंडोनेशिया : धर्म इस्लाम, संस्कृति रामायण—Pgs. 16910. इंडोनेशिया में व्याख्यान—Pgs. 19111. इंडोनेशिया में व्याख्यान—Pgs. 198
विज्ञान - Bharatiya Sanskriti Ka Samvahak Indonesia
Bharatiya Sanskriti Ka Samvahak Indonesia - by - Prabhat Prakashan
Bharatiya Sanskriti Ka Samvahak Indonesia - हजारों साल बाद भी भारतीय संस्कृति का जीवंत रूप देखना है तो इंडोनेशिया जाना चाहिए। नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर और विशिष्ट संस्कृतिवाला इंडोनेशिया बड़े वर्ग को आकर्षित करता है। न केवल इंडोनेशिया ने अपने को भारत की अमर सनातन संस्कृति से जोड़ा है, बल्कि उसे समृद्ध बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। धर्म, संप्रदाय, भाषा, क्षेत्र और जाति की परिधि में अपने को समेटकर हम लालच में पड़कर नैतिकता को छोड़ पतन की तरफ जा रहे हैं। ऐसे में इंडोनेशिया ने न केवल भारतीय संस्कृति को सहेजकर रखा है, बल्कि उसे संरक्षित, संवर्धित करने में सफलता पाई है। इस पुस्तक में इंडोनेशिया-भारत की प्रगाढ़ मित्रता, सामरिक साझेदारी का उल्लेख है, वहीं इंडोनेशिया के भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक पक्ष को सुधी पाठकों के समक्ष रखा है। इसमें इंडोनेशिया की संस्कृति, शिक्षा, परंपराओं, इतिहास और इस देश की विकास की कहानी को पाठकों से साझा किया गया है। बदलते विश्व परिदृश्य में भारत-इंडोनेशिया की सामरिक मित्रता, बढ़ते व्यापारिक रिश्तों के साथ-साथ एशिया में इंडोनेशिया-भारत की बढ़ती भूमिका और दक्षिण-पूर्व प्रशांत क्षेत्र में विश्व शांति की स्थापना में दोनों देशों की साझी नीतियों और उनके योगदान की चर्चा की है। इस कृति से दोनों देशों के लोगों को एक-दूसरे के निकट आने में मदद मिलेगी। अनुक्रमदो शब्द—Pgs.
- Stock: 10
- Model: PP2447
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP2447
- ISBN: 9789353226244
- ISBN: 9789353226244
- Total Pages: 208
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2020
₹ 400.00
Ex Tax: ₹ 400.00