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भक्ति साहित्य - Hanumat-Katha

भक्ति साहित्य - Hanumat-Katha
"वाल्मीकि रामायण के अनुशीलन से श्रीराम तथा हनुमान की आध्यात्मिक शक्तियों के दिग्दर्शन होते हैं ।सामान्यतया इतिहास लेखन में आध्यात्मिक शक्तियों पर विचार नहीं किया जाता है, परंतु प्राचीनकाल से ही विश्व के बहुत से समुदायों में कुछ विशिष्ट मानवों में आध्यात्मिक शक्तियों की उपस्थिति के उल्लेख मिलते रहे हैं। अत: आध्यात्मिक तथा अतींद्रिय शक्तियों की अवहेलना उचित नहीं है।इस कृति में श्रीराम तथा हनुमान आदि को ऐतिहासिक समझते हुए उनकी इन शक्तियों का भी कुछ अंश तक परिज्ञान लिया गया है प्रस्तुत उपन्यास मुख्य रूप से वाल्मीकि रामायण तथा सद्गुरुओं के विचारों के आधार पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से लिखा गया है| अस्तु, यदि प्रस्तुत कृति में कुछ अच्छा है, तो वह महान्‌ कवि वाल्मीकि का प्रसाद है और निर्विवाद प्रतीति यह है कि बिना केसरीनंदन हनुमान की कृपा के तो रामकथा अथवा उसका कोई अंश लिखा ही नहीं जासकता।श्री हनुमान के समर्पण, भक्ति, पराक्रम, पौरुष और त्याग का दिग्दर्शन करवाता अत्यंत पठनीय उपन्यास ।"

भक्ति साहित्य - Hanumat-Katha

Hanumat-Katha - by - Prabhat Prakashan

Hanumat-Katha -

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  • Stock: 10
  • Model: PP1912
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1912
  • ISBN: 9789394871007
  • ISBN: 9789394871007
  • Total Pages: 168
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2022
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00