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भक्ति साहित्य - Gazal Kumbh 2018

भक्ति साहित्य - Gazal Kumbh 2018
किसी भी रचना की उपयोगिता तभी है, जब वह अधिक-से-अधिक पाठकों/ समीक्षकों तक पहुँचे। जो रचनाएँ पाठकों के दिलों को छू लेती हैं, वे रचनाएँ अमर हो जाती हैं। वरिष्ठ कवियों/शायरों/ साहित्यकारों को सम्मान ज्ञापित करना एवं नई पीढ़ी के कलमकारों को सही दिशा की ओर अग्रसर करने के प्रयासों में आदरणीय दीक्षित दनकौरी जी का योगदान बेजोड़ है। ऐसा उनके द्वारा अब तक किए गए संपादन कार्य से पता चलता है। ‘ग़ज़ल दुष्यंत के बाद’ के 3 संकलनों के माध्यम से सैकड़ों वरिष्ठ एवं नए ग़ज़लकारों की ग़ज़लों को प्रकाशित करने के साथ-साथ अनेक वरिष्ठ शायरों की ग़ज़लों को भी मंज़रे आम पर लानेवाले प्रख्यात ग़ज़लकार दीक्षित दनकौरी का ग़ज़ल विधा के प्रति समर्पण प्रणम्य है। गत दस वर्षों से प्रतिवर्ष ‘ग़ज़ल कुंभ’ का भव्य और गरिमापूर्ण आयोजन दीक्षित दनकौरी जी के अथक प्रयासों का ही नतीजा है। उसी कड़ी में ‘ग़ज़ल कुंभ 2018’ में सम्मिलित प्रतिभागी शायरों की ग़ज़लें, दीक्षित दनकौरी जी के संपादन में प्रकाशित होकर ग़ज़ल-प्रेमी पाठकों तक पहुँचेंगी एवं पसंद की जाएँगी, ऐसी मुझे उम्मीद है। ‘बसंत चौधरी़फाउंडेशन’, जिसके सौजन्य से इस संकलन का प्रकाशन संभव हो पाया है, का हार्दिक आभार। —मोईन अ़ख्तर अंसारी य, अंजुमन फ़रोग -ए-उर्दू (रजि.), दिल्ली|

भक्ति साहित्य - Gazal Kumbh 2018

Gazal Kumbh 2018 - by - Prabhat Prakashan

Gazal Kumbh 2018 - किसी भी रचना की उपयोगिता तभी है, जब वह अधिक-से-अधिक पाठकों/ समीक्षकों तक पहुँचे। जो रचनाएँ पाठकों के दिलों को छू लेती हैं, वे रचनाएँ अमर हो जाती हैं। वरिष्ठ कवियों/शायरों/ साहित्यकारों को सम्मान ज्ञापित करना एवं नई पीढ़ी के कलमकारों को सही दिशा की ओर अग्रसर करने के प्रयासों में आदरणीय दीक्षित दनकौरी जी का योगदान बेजोड़ है। ऐसा उनके द्वारा अब तक किए गए संपादन कार्य से पता चलता है। ‘ग़ज़ल दुष्यंत के बाद’ के 3 संकलनों के माध्यम से सैकड़ों वरिष्ठ एवं नए ग़ज़लकारों की ग़ज़लों को प्रकाशित करने के साथ-साथ अनेक वरिष्ठ शायरों की ग़ज़लों को भी मंज़रे आम पर लानेवाले प्रख्यात ग़ज़लकार दीक्षित दनकौरी का ग़ज़ल विधा के प्रति समर्पण प्रणम्य है। गत दस वर्षों से प्रतिवर्ष ‘ग़ज़ल कुंभ’ का भव्य और गरिमापूर्ण आयोजन दीक्षित दनकौरी जी के अथक प्रयासों का ही नतीजा है। उसी कड़ी में ‘ग़ज़ल कुंभ 2018’ में सम्मिलित प्रतिभागी शायरों की ग़ज़लें, दीक्षित दनकौरी जी के संपादन में प्रकाशित होकर ग़ज़ल-प्रेमी पाठकों तक पहुँचेंगी एवं पसंद की जाएँगी, ऐसी मुझे उम्मीद है। ‘बसंत चौधरी़फाउंडेशन’, जिसके सौजन्य से इस संकलन का प्रकाशन संभव हो पाया है, का हार्दिक आभार। —मोईन अ़ख्तर अंसारी य, अंजुमन फ़रोग -ए-उर्दू (रजि.

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  • Stock: 10
  • Model: PP1886
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1886
  • ISBN: 9789353222345
  • ISBN: 9789353222345
  • Total Pages: 136
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Soft Cover
  • Year: 2019
₹ 175.00
Ex Tax: ₹ 175.00