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डॉ .ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहित्य - Karishmai Kalam

डॉ .ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहित्य - Karishmai Kalam
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जुलाई 2002 में जब भारत के राष्ट्रपति बने तो एक राजनीतिज्ञ न होने के कारण आम लोगों में शंका थी कि क्या वे सफल राष्ट्रपति बन पाएँगे? क्या वे विशाल भारत राष्ट्र के प्रथम नागरिक के पद के दायित्व का सफल निर्वहन कर पाएँगे? भारत के मिसाइल मैन के रूप में विख्यात देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित डॉ. कलाम ने अपने राष्ट्रपतित्व काल में ऐसे तमाम कयासों पर पूर्णविराम लगा दिया। उन्होंने अपनी सौम्यता और संवेदनशीलता से सब पर जादू सा कर दिया। एक उन्नत-समर्थ-विकसित भारत के निर्माण के लिए उन्होंने भारत की युवाशक्ति को प्रेरित किया और राष्ट्रकार्य में सकारात्मक योगदान देने के लिए उनका आह्वान किया, जिसने देश का वातावरण ही बदल दिया। भले ही राष्ट्रपति के रूप में डॉ. कलाम का कार्यकाल समाप्त हो गया हो, उनके बारे में जानने की जिज्ञासा सबके मन में लगातार रहती है। डॉ. कलाम के इसी जादुई व्यक्तित्व, सम्मोहन और करिश्मे को पाँच साल उनके सचिव रहे पी.एम. नायर ने प्रस्तुत किया है ‘करिश्माई कलाम’ में।

डॉ .ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहित्य - Karishmai Kalam

Karishmai Kalam - by - Prabhat Prakashan

Karishmai Kalam - डॉ.

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  • Stock: 10
  • Model: PP1338
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1338
  • ISBN: 9788173156212
  • ISBN: 9788173156212
  • Total Pages: 152
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2018
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00