जीवनी - Samajwad Ka Sarathi
अखिलेश यादव का जीवन संघर्षों की लंबी गाथा है। वे परिस्थितिवश सियासत में आए। मुलायम सिंह यादव ने उन्हें साल 2000 में समाजवाद की कठिन सियासी डगर पर उतार दिया। उस समय परिस्थितियाँ ऐसी बनीं कि न चाहते हुए भी अखिलेश यादव को पिता की बात मानकर राजनीति के मैदान में उतरना पड़ा। टेक्नोक्रेट बनने का सपना देखनेवाले अखिलेश तकरीबन एक दशक तक संसद् से लेकर सड़क तक सरकार और सिस्टम से युवाओं की लड़ाई लड़ते रहे। लंबे जुझारू संघर्ष की बदौलत वे युवाओं में एक उम्मीद बनकर उभरे। जब युवाओं के बीच अखिलेश यादव नाम की उम्मीद ने अँगड़ाई ली तो उसने सूबे की बागडोर महज 38 साल के इस युवा नेता के हाथों में सौंप दी। अखिलेश यादव ने डॉ. लोहिया की सोच को दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में जमीन पर उतारकर दिखा दिया। समाजवादी विकास का एक ऐसा एजेंडा पेश किया, जिसमें समाज के हर तबके की तरक्की के लिए कोई-न-कोई योजना है। विकासवादी राजनीति के कामयाब समाजवादी मॉडल के जरिए उन्होंने 20 करोड़ की विशाल आबादी वाले सूबे में हाशिए पर खड़े अंतिम इनसान तक संसाधनों को पहुँचाने का सफल प्रयास किया। अखिलेश ने समाजवाद की सियासत को एक नए अंदाज में गढ़ा और मौजूदा दौर में अप्रसांगिक करार दिए गए समाजवाद को पुनर्स्थापित कर दिया। समाजवादी आकाश में चमकते इस सितारे के संघर्ष और सफर पर अभी तक अकादमिक दृष्टि से रोशनी नहीं डाली गई। यह पुस्तक इस कमी को पूरा करने का एक प्रयास है।अनुक्रमलेखकीय — 51. अखिलेश का जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि — 112. टीपू की कहानी — 203. धौलपुर में अखिलेश — 324. टीपू सुलतान के शहर में टीपू — 415. विदेश में शिक्षा — 506. प्रेम का संघर्ष — 587. राजनीति में प्रवेश — 678. युवा राजनीति और बदलाव — 789. संसद् में युवा अखिलेश — 9410. संघर्ष से सा तक — 10511. क्रांति रथ का सारथी — 11712. साइकिल बॉय आिलेश — 12813. चुनाव प्रबंधक — 14214. मुयमंत्री आिलेश — 15215. टेक सेवी आिलेश — 16516. विकास पुरुष — 17617. पर्यावरण प्रेमी — 19118. समाजवाद को जमीन पर उतारने वाला मुयमंत्री — 20319. भयमुत समाज — 21620. खिलाड़ी और खेल प्रेमी — 225
जीवनी - Samajwad Ka Sarathi
Samajwad Ka Sarathi - by - Prabhat Prakashan
Samajwad Ka Sarathi - अखिलेश यादव का जीवन संघर्षों की लंबी गाथा है। वे परिस्थितिवश सियासत में आए। मुलायम सिंह यादव ने उन्हें साल 2000 में समाजवाद की कठिन सियासी डगर पर उतार दिया। उस समय परिस्थितियाँ ऐसी बनीं कि न चाहते हुए भी अखिलेश यादव को पिता की बात मानकर राजनीति के मैदान में उतरना पड़ा। टेक्नोक्रेट बनने का सपना देखनेवाले अखिलेश तकरीबन एक दशक तक संसद् से लेकर सड़क तक सरकार और सिस्टम से युवाओं की लड़ाई लड़ते रहे। लंबे जुझारू संघर्ष की बदौलत वे युवाओं में एक उम्मीद बनकर उभरे। जब युवाओं के बीच अखिलेश यादव नाम की उम्मीद ने अँगड़ाई ली तो उसने सूबे की बागडोर महज 38 साल के इस युवा नेता के हाथों में सौंप दी। अखिलेश यादव ने डॉ.
- Stock: 10
- Model: PP1259
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1259
- ISBN: 9789386300737
- ISBN: 9789386300737
- Total Pages: 264
- Edition: Edition 1
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2017
₹ 500.00
Ex Tax: ₹ 500.00