जीवनी - Nanaji Deshmukh Chitrawali (Pb)
11 अक्तूबर, 1916 की शरद पूर्णिमा को महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के परभणी जिले के हिंगोली तालुका के कडोली गाँव में अमृतराव देशमुख की धर्मपत्नी राजाबाई की कोख से एक पुत्र ने जन्म लिया। शिशुकाल में ही नाना माता-पिता की स्नेहछाया से वंचित हो गए। नाना के पालन-पोषण का भार बड़े भाई आबाजी देशमुख पर आ पड़ा। नौ वर्ष की आयु तक नानाजी ‘क ख ग’ भी नहीं पढ़ पाए, पर विधाता ने उन्हें कुशाग्र बुद्धि दी थी, जिसके बल पर वे बड़ी बहन के पास रिसोड़ में आठवीं कक्षा तक प्रत्येक कक्षा में प्रथम स्थान पाते रहे। रिसोड़ में ही नानाजी का संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से स्थापित हुआ। नियति उनकी जीवन की दिशा तय करने लगी। मैट्रिक तक की पढ़ाई के लिए उन्हें वाशिम आना पड़ा, वहीं 1934 में डॉक्टरजी ने 17 स्वयंसेवकों को संघ की प्रतिज्ञा दी। 1939 में राजस्थान के पिलानी बिड़ला कॉलेज में अध्ययन के लिए गए।
जीवनी - Nanaji Deshmukh Chitrawali (Pb)
Nanaji Deshmukh Chitrawali (Pb) - by - Prabhat Prakashan
Nanaji Deshmukh Chitrawali (Pb) -
- Stock: 10
- Model: PP1058
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1058
- ISBN: 9789386300928
- ISBN: 9789386300928
- Total Pages: 40
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Soft Cover
- Year: 2017
₹ 80.00
Ex Tax: ₹ 80.00