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जीवनी - Hindu Rashtra Swapnadrashta : Banda Veer Bairagi (Pb)

जीवनी - Hindu Rashtra Swapnadrashta : Banda Veer Bairagi (Pb)
वीर बंदा बैरागी भारतीय इतिहास का वह चमकता हुई नक्षत्र है, जिससे भारत के सोए हुए स्वाभिमान को जगाया जा सकता है। आज के युवाओं को वीर बंदा बैरागी के तप, त्याग व बलिदान से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। भाई परमानंद ने आजादी की क्रांति की लौ को ज्वालामुखी बनाने के लिए बंदा बैरागी का चरित्र इतिहास से निकालकर भारत के सामने रखा। भाई परमानंद वीर बंदा बैरागी को असाधारण पुरुष मानते थे। एक समय जब मुगलों की तलवार भारतीय संस्कृति को चीर रही थी, लोगों के जनेऊ उतारे जा रहे थे, चोटियाँ काटी जा रही थीं, सिरों को काटकर मीनारें बनाई जा रही थीं, बलपूर्वक हजारों-लाखों का धर्मभ्रष्ट किया जा रहा था, अनाथ बच्चे बिलख रहे थे, गौमाता मारी जा रही थी, मंदिर ध्वस्त हो रहे थे, किसान आत्महत्या कर रहे थे, उस समय गुरु गोविंद सिंहजी के आह्वान पर इस वीर महापुरुष ने भक्ति का मार्ग छोड़कर शक्ति का मार्ग अपनाया। योगी योद्धा बन गया, संत सिपाही बन गया; माला को फेंक भाला उठा लिया और सेना खड़ी कर अन्याय-अत्याचार का प्रतिकार करके अपने राज्य की स्थापना कर सिक्के जारी किए। किसान व मजदूरों पर अत्याचार की समाप्ति कर उनको जमीन का मालिक बनाया। ऐसा उज्ज्वल प्रेरक, वीर और शौर्यपूर्ण चरित्र जन-जन के सामने लाया जाना समय की आवश्यकता है। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक ने इस अभाव को पूर्ण करने का सार्थक और सफल प्रयास किया है। असाधारण वीर और योद्धा बंदा वीर बैरागी की प्रेरणाप्रद जीवनी।अनुक्रमपुस्तक के विषय में  —Pgs. 5लेखकीय निवेदन —Pgs. 9 भारत की मिट्टी की विशिष्टता और बंदा बैरागी —Pgs. 17पंजाब की गुरु परंपरा और बंदा वीर बैरागी —Pgs. 24गुरु तेग बहादुरजी और उनका बलिदान —Pgs. 34गुरु गोविंद सिंहजी और उनके सुपुत्रों का बलिदान —Pgs. 42बंदा वीर बैरागी के जन्मकाल की परिस्थितियाँ —Pgs. 51लक्ष्मण देव से बने बैरागी माधोदास —Pgs. 58मैं तो आपका ही बंदा हूँ —Pgs. 67पंजाब में आकर करने लगा पुरुषार्थ —Pgs. 75सरहिंद फिर बन गया—‘सर-ए-हिंद’ —Pgs. 83बंदा बैरागी बन गया था एक धर्म योद्धा —Pgs. 91वीर बनकर लड़ो —Pgs. 99तानकर सीना चला —Pgs. 107मुगल हो गए थे भयभीत —Pgs. 114पराजय और अपराजय की आँख-मिचौनी —Pgs. 122द्वंद्वभाव और बैरागी का संकल्प —Pgs. 130मुगलिया शासन व्यवस्था और बंदा बैरागी —Pgs. 138तख्तखालसा और बंदा वीर बैरागी —Pgs. 147स्वतंत्रता हमसे दूर चली गई —Pgs. 156अद्वितीय बलिदान —Pgs. 162बैरागी के जीवन का सिंहावलोकन —Pgs. 171 

जीवनी - Hindu Rashtra Swapnadrashta : Banda Veer Bairagi (Pb)

Hindu Rashtra Swapnadrashta : Banda Veer Bairagi (Pb) - by - Prabhat Prakashan

Hindu Rashtra Swapnadrashta : Banda Veer Bairagi (Pb) - वीर बंदा बैरागी भारतीय इतिहास का वह चमकता हुई नक्षत्र है, जिससे भारत के सोए हुए स्वाभिमान को जगाया जा सकता है। आज के युवाओं को वीर बंदा बैरागी के तप, त्याग व बलिदान से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। भाई परमानंद ने आजादी की क्रांति की लौ को ज्वालामुखी बनाने के लिए बंदा बैरागी का चरित्र इतिहास से निकालकर भारत के सामने रखा। भाई परमानंद वीर बंदा बैरागी को असाधारण पुरुष मानते थे। एक समय जब मुगलों की तलवार भारतीय संस्कृति को चीर रही थी, लोगों के जनेऊ उतारे जा रहे थे, चोटियाँ काटी जा रही थीं, सिरों को काटकर मीनारें बनाई जा रही थीं, बलपूर्वक हजारों-लाखों का धर्मभ्रष्ट किया जा रहा था, अनाथ बच्चे बिलख रहे थे, गौमाता मारी जा रही थी, मंदिर ध्वस्त हो रहे थे, किसान आत्महत्या कर रहे थे, उस समय गुरु गोविंद सिंहजी के आह्वान पर इस वीर महापुरुष ने भक्ति का मार्ग छोड़कर शक्ति का मार्ग अपनाया। योगी योद्धा बन गया, संत सिपाही बन गया; माला को फेंक भाला उठा लिया और सेना खड़ी कर अन्याय-अत्याचार का प्रतिकार करके अपने राज्य की स्थापना कर सिक्के जारी किए। किसान व मजदूरों पर अत्याचार की समाप्ति कर उनको जमीन का मालिक बनाया। ऐसा उज्ज्वल प्रेरक, वीर और शौर्यपूर्ण चरित्र जन-जन के सामने लाया जाना समय की आवश्यकता है। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक ने इस अभाव को पूर्ण करने का सार्थक और सफल प्रयास किया है। असाधारण वीर और योद्धा बंदा वीर बैरागी की प्रेरणाप्रद जीवनी।अनुक्रमपुस्तक के विषय में  —Pgs.

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  • Stock: 10
  • Model: PP1239
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP1239
  • ISBN: 9789353229412
  • ISBN: 9789353229412
  • Total Pages: 176
  • Edition: Edition 1
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Soft Cover
  • Year: 2020
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00