जीवनी - Gopal Krishna Gokhale
गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई, 1866 को रत्नागिरि के कोटलुक ग्राम में एक सामान्य परिवार में हुआ। वे एक महान् स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे। महादेव गोविंद रानाडे के शिष्य गोपाल कृष्ण गोखले को वित्तीय मामलों की अद्वितीय समझ और उस पर अधिकारपूर्वक बहस करने की क्षमता से उन्हें भारत का 'गलेडस्टोन’ कहा जाता है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सबसे प्रसिद्ध नरमपंथी नेता थे। चरित्र निर्माण की आवश्यकता से पूर्णत: सहमत होकर उन्होंने 1905 में सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी की स्थापना की, ताकि नौजवानों को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। उनका मानना था कि वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भारत की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है।
देश की पराधीनता गोपाल कृष्ण को कचोटती रहती। राष्ट्रभक्ति की अजस्र धारा का प्रवाह उनके अंतर्मन में सदैव बहता रहता। इसी कारण वे सच्ची लगन, निष्ठा और कर्तव्यपरायणता की त्रिधारा के वशीभूत होकर कार्य करते और देश की पराधीनता से मुक्ति के प्रयत्न में लगे रहते।
अपने चरित्र की सरलता, बौद्धिक क्षमता और देश के प्रति दीर्घकालीन निस्स्वार्थ सेवा के लिए भारत माँ के सपूत गोपाल कृष्ण गोखले को सदा स्मरण किया जाएगा।
जीवनी - Gopal Krishna Gokhale
Gopal Krishna Gokhale - by - Prabhat Prakashan
Gopal Krishna Gokhale -
- Stock: 10
- Model: PP1164
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1164
- ISBN: 9788192850795
- ISBN: 9788192850795
- Total Pages: 160
- Edition: Edition 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2019
₹ 200.00
Ex Tax: ₹ 200.00