जीवनी - Akhand Bharat Ke Shilpakar Sardar Patel
आधुनिक भारतीय इतिहास में शायद ही ऐसा कोई राजनेता है, जिसने भारतवर्ष को एकजुट और सुरक्षित करने में सरदार पटेल जितनी बड़ी भूमिका अदा की है, लेकिन दुर्भाग्य है कि पटेल की ओर से ब्रिटिश भारत की छोटी-छोटी रियासतों के टुकड़ों को जोड़कर नक्शे पर एक नए लोकतांत्रिक, स्वतंत्र भारत का निर्माण करने के सत्तर वर्ष बाद भी, हमारे देश को एकजुट करने में पटेल के महान् योगदान के विषय में न तो लोग ज्यादा जानते हैं, न ही मानते हैं। पटेल के संघर्षमय जीवन के सभी पहलुओं और उनके साहसिक निर्णयों को अकसर या तो राजनीतिक बहस का हिस्सा बना दिया जाता है या उससे भी बुरा यह कि महज वाद-विवाद का विषय बनाकर भुला दिया जाता है।
अनेक पुरस्कारों के विजेता और प्रसिद्ध लेखक, हिंडोल सेनगुप्ता की लिखी यह पुस्तक सरदार पटेल की कहानी को नए सिरे से सुनाती है। साहसिक ब्योरे और संघर्ष की कहानियों के साथ, सेनगुप्ता संघर्ष के प्रति समर्पित पटेल की कहानी में जान फूँक देते हैं। साथ ही उन विवादों, झगड़ों और टकरावों पर रोशनी डालते हैं, जो एक स्वतंत्र देश के निर्माण के क्रम में भारतीय इतिहास के कुछ सबसे अधिक दृढसंकल्प वाले लोगों के बीच हुए। जेल के भीतर और बाहर अनेक यातनाओं से चूर हुए शरीर के बावजूद, पटेल इस पुस्तक में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में उभरते हैं, जो अपनी मृत्युशय्या पर भी देश को बचाने के लिए काम करते रहे। अखंड भारत के शिल्पकार सरदार पटेल पर हिंडोल सेनगुप्ता की यह कृति आनेवाली पीढि़यों के लिए पटेल की विरासत को निश्चित रूप से पुनर्परिभाषित करेगी। अनुक्रमआभार —Pgs. 7पुस्तक परिचय —Pgs. 111. हम नहीं सुनना चाहते आपके गांधी को —Pgs. 452. गांधी एक महात्मा हैं, मैं नहीं हूँ! —Pgs. 563. क्या कुछ भी न करने में कम जोखिम है? —Pgs. 774. मैं कोई नेता नहीं हूँ, एक सैनिक हूँ —Pgs. 915. यह सामंती ‘सरदार’ क्या है? —Pgs. 1306. क्या एक विशालकाय व्यक्ति और एक बौने व्यक्ति या एक हाथी एवं एक चींटी में बराबरी हो सकती है? —Pgs. 1537. समाजवादियों का ‘आगे बढ़ो’ का नारा और कुछ नहीं, केवल एक मिथ्याभिमान है —Pgs. 1718. हमने महसूस किया कि यह महात्मा गांधी के प्रति अनुचित होगा कि हम उन्हें वह करने का वचन दें, जो हम नहीं कर सकते —Pgs. 2079. एक व्यक्ति, जिसने लोगों की सुरक्षा की शपथ ली है, वह शहर छोड़कर नहीं जा सकता, जब तक वहाँ एक भी मनुष्य है —Pgs. 22510. मेरे जीवन का कार्य लगभग समाप्त होने जा रहा है, इसे व्यर्थ न करें —Pgs. 23911. यह कार्य अवश्य, अवश्य और अवश्य किया जाना चाहिए —Pgs. 283
जीवनी - Akhand Bharat Ke Shilpakar Sardar Patel
Akhand Bharat Ke Shilpakar Sardar Patel - by - Prabhat Prakashan
Akhand Bharat Ke Shilpakar Sardar Patel - आधुनिक भारतीय इतिहास में शायद ही ऐसा कोई राजनेता है, जिसने भारतवर्ष को एकजुट और सुरक्षित करने में सरदार पटेल जितनी बड़ी भूमिका अदा की है, लेकिन दुर्भाग्य है कि पटेल की ओर से ब्रिटिश भारत की छोटी-छोटी रियासतों के टुकड़ों को जोड़कर नक्शे पर एक नए लोकतांत्रिक, स्वतंत्र भारत का निर्माण करने के सत्तर वर्ष बाद भी, हमारे देश को एकजुट करने में पटेल के महान् योगदान के विषय में न तो लोग ज्यादा जानते हैं, न ही मानते हैं। पटेल के संघर्षमय जीवन के सभी पहलुओं और उनके साहसिक निर्णयों को अकसर या तो राजनीतिक बहस का हिस्सा बना दिया जाता है या उससे भी बुरा यह कि महज वाद-विवाद का विषय बनाकर भुला दिया जाता है। अनेक पुरस्कारों के विजेता और प्रसिद्ध लेखक, हिंडोल सेनगुप्ता की लिखी यह पुस्तक सरदार पटेल की कहानी को नए सिरे से सुनाती है। साहसिक ब्योरे और संघर्ष की कहानियों के साथ, सेनगुप्ता संघर्ष के प्रति समर्पित पटेल की कहानी में जान फूँक देते हैं। साथ ही उन विवादों, झगड़ों और टकरावों पर रोशनी डालते हैं, जो एक स्वतंत्र देश के निर्माण के क्रम में भारतीय इतिहास के कुछ सबसे अधिक दृढसंकल्प वाले लोगों के बीच हुए। जेल के भीतर और बाहर अनेक यातनाओं से चूर हुए शरीर के बावजूद, पटेल इस पुस्तक में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में उभरते हैं, जो अपनी मृत्युशय्या पर भी देश को बचाने के लिए काम करते रहे। अखंड भारत के शिल्पकार सरदार पटेल पर हिंडोल सेनगुप्ता की यह कृति आनेवाली पीढि़यों के लिए पटेल की विरासत को निश्चित रूप से पुनर्परिभाषित करेगी। अनुक्रमआभार —Pgs.
- Stock: 10
- Model: PP1122
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP1122
- ISBN: 9789353227067
- ISBN: 9789353227067
- Total Pages: 344
- Edition: Edition 1
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2019
₹ 700.00
Ex Tax: ₹ 700.00