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आत्मकथा - Meri Jeevan Yatra

आत्मकथा - Meri Jeevan Yatra
रामेश्‍वरम में पैदा हुए एक बालक से लेकर भारत के ग्यारहवें राष्‍ट्रपति बनने तक का डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन असाधारण संकल्प शक्‍त‌ि, साहस, लगन और श्रेष्‍ठता की चाह की प्रेरणाप्रद कहानी है। छोटी कहानियों और पार्श्व चित्रों की इस शृंखला में डॉ. कलाम अपने अतीत के छोटे-बड़े महत्त्वपूर्ण पलों को याद करते हैं और पाठकों को बताते हैं कि उन पलों ने उन्हें किस तरह प्रेरित किया। उनके प्रारंभिक जीवन पर गहरी छाप छोड़ने वाले लोगों और तदनंतर संपर्क में आए व्यक्तियों के बारे में वे उत्साह और प्रेम के साथ बताते हैं। वे अपने पिता और ईश्वर के प्रति उनके गहरे प्रेम, माता और उनकी सहृदयता, दयालुता, उनके विचारों और दृष्टिकोणों को आकार देनेवाले अपने गुरुओं समेत सर्वाधिक निकट रहे लोगों के बारे में भी उन्होंने बड़ी आत्मीयता से बताया है। बंगाल की खाड़ी के पास स्थित छोटे से गाँव में बिताए बचपन के बारे में तथा वैज्ञानिक बनने, फिर देश का राष्ट्रपति बनने तक के सफर में आई बाधाओं, संघर्ष, उनपर विजय पाने आदि अनेक तेजस्वी बातें उन्होंने बताई हैं। ‘मेरी जीवन-यात्रा’ अतीत की यादों से भरी, बेहद निजी अनुभवों की ईमानदार कहानी है, जो जितनी असाधारण है, उतनी ही अधिक प्रेरक, आनंददायक और उत्साह से भर देनेवाली है। आभार मेरी जीवन-यात्रा घटनाओं से भरे जीवन का विवरण है। मेरे मित्र हैरी शेरिडॉन करीब बाईस वर्षों से मेरे साथ रहे हैं और अनेक घटनाओं के भागीदार बने हैं। उन्होंने मेरे साथ सुख और दुःख, दोनों झेले हैं। शेरिडॉन हर तरह के उतार-चढ़ावों में मेरे साथ रहे हैं और जब कभी मुझे जरूरत पड़ी, उन्होंने मेरी पूरी-पूरी सहायता की। ईश्वर उन्हें और उनके परिवार को सदैव सुखी रखे। मैं सुदेषणाशोम घोष को भी धन्यवाद देना चाहूँगा, जो पुस्तक की परिकल्पना से लेकर उसे आकार देने तक मेरे साथ रहीं। पुस्तक प्रकाशित होने तक वे धैर्य के साथ निरंतर मुझसे जुड़ी रहीं। मैं उनके प्रयासों को नमन करता हूँ।अनुक्रममेरी बात — 7आभार — 111. मेरे पिताजी की सुबह की सैर — 152. एक नाव — 253. आठ बरस का कमाऊलड़का — 334. संकट-मोचक तीन व्यति — 435. मेरी माँ और मेरी बहन — 556. मेरे पहले गुरु अहमद जलालुद्दीन — 677. जब मैं फेल हुआ — 778. मेरी पसंदीदा पुस्तकें — 859. जलता हुआ एक ब्रश — 9710. मेरे सलाहकार, डॉ. विक्रम साराभाई — 10711. विज्ञान में जीवन — 11912. मीलों लंबी यात्रा — 135

आत्मकथा - Meri Jeevan Yatra

Meri Jeevan Yatra - by - Prabhat Prakashan

Meri Jeevan Yatra - रामेश्‍वरम में पैदा हुए एक बालक से लेकर भारत के ग्यारहवें राष्‍ट्रपति बनने तक का डॉ.

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  • Stock: 10
  • Model: PP519
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: PP519
  • ISBN: 9789350487969
  • ISBN: 9789350487969
  • Total Pages: 144
  • Edition: Edition 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Cover
  • Year: 2020
₹ 300.00
Ex Tax: ₹ 300.00