Women Studies - Ateet Hoti Sadi Aur Stree Ka Bhavishya
लोकप्रिय कथा-मासिक ‘हंस’ ने विगत सदी के अन्तिम दशक में ‘औरत उत्तरकथा’ और ‘अतीत होती सदी और स्त्री का भविष्य’ नाम से विशेषांकों का आयोजन किया था। इस किताब की आधार सामग्री ‘अतीत होती सदी और स्त्री का भविष्य’ विशेषांक से ली गई है। उपरोक्त विशेषांकों की अपार लोकप्रियता और अनुपलब्धता के मद्देनज़र कुल सामग्री को पुस्तकाकार प्रकाशित करने की योजना को अमली जामा पहनाने के क्रम में यह किताब आपके हाथों में है।आज जब हम नई सदी में क़दम रख चुके हैं, हमें हर क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों और अधूरे कामों की फ़ेहरिस्त हर चन्द अपने सामने रखनी चाहिए। बीती सदी की एक सतत-सुदीर्घ
जद् दोजहद के दौरान स्त्रियों ने अपने हार्दिक मनोभावों को अभिव्यक्त करने की जो बेचैन कोशिशें की हैं, उनसे ग़ुलामी को स्थायित्व देनेवाली नाना प्रकार की प्रवृत्तियाँ और शक्तियाँ बेपर्दा होती जाती हैं। पहली बार स्त्रियाँ उन समस्याओं पर उँगली रखने ख़ुद सामने आई हैं जो सेक्स के आधार पर अलगाए जाने से जन्म लेती हैं। पुस्तक के शुरुआती खंड में शामिल आत्मकथ्यों पर नज़र डालें तो पाएँगे कि वहाँ स्त्रियाँ अपनी आकांक्षाओं-स्वप्नों और संघर्षों की अक्कासी के लिए भाषा को एक नया हथियार बनाए मौजूद हैं—पर्दे और गुमनामियत से बाहर—पुरुषों की दया-सहानुभूति से परे।‘पितृ-सत्ता के षड्यंत्र’ और ‘स्त्री-छवि’ खंडों में दोनों दृष्टिकोणों को साथ-साथ रखकर जटिलता को उसके पूरेपन में पकड़ने की कोशिशें की गई हैं। यह सारा उद्यम इस एक संकल्प के इर्द-गिर्द है कि नई सदी में भारतीय समाज नए मूल्यों, नए सम्बन्धों, नए व्यवहार, नई मानसिकता की ओर अग्रसर होगा। इस 21वीं सदी में स्त्रियों की मुक्ति के सवालों के जवाब ही देश में आधुनिकता और विकास के चरित्र को तय करेंगे।
Women Studies - Ateet Hoti Sadi Aur Stree Ka Bhavishya
Ateet Hoti Sadi Aur Stree Ka Bhavishya - by - Rajkamal Prakashan
Ateet Hoti Sadi Aur Stree Ka Bhavishya -
- Stock: 10
- Model: RKP1860
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP1860
- ISBN: 0
- Total Pages: 288p
- Edition: 2018, Ed. 4th
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 2001
₹ 695.00
Ex Tax: ₹ 695.00