पश्चिम बंगाल समेत पूरे भारतवर्ष में भूमिहीन किसानों के असन्तोष और विद्रोह का इतिहास समकालीन घटना-मात्र नहीं है। आधुनिक इतिहास के हर पर्व में विद्रोह का प्रयास, उनके प्रति दूसरे वर्ग के शोषण के चरित्र को प्रकट करता है, जो अब तक प्रायः अपरिवर्तनीय बना हुआ है।दार्जिलिंग ज़िले के नक्सलबाड़ी, खड़ीबाड़ी ..
यह उपन्यास सामयिक वाम राजनीति के परस्पर विरोधी पक्षों के संघर्ष की प्रामाणिक दस्तावेज़ है और इतनी परिपक्व राजनीतिक सूझ-बूझ और प्रखर सामाजिक चेतना से ओतप्रोत कि वाम राजनीति की विचारधाराओं के घटाटोप आकाश के स्पष्ट दिशा-संकेत देता है।संथालों के जागुला गाँव में द्वैपायन सरकार का आगमन एक ऐसी थीसिस लिखन..