अगर स्वतंत्रता को बीसवीं शताब्दी की एक बीज अवधारणा मानें तो जिन मूर्धन्य और कालजयी लेखकों ने इस अवधारणा को अपने सृजन, विचार और आयोजन का केन्द्र बनाया, उनमें अज्ञेय का स्थान ऊँचा और प्रमुख हैं। हिन्दी को उसकी आधुनिकता और भारतीय स्वरूप देने में भी अज्ञेय की भूमिका केन्द्रीय रही है। उनकी यह शीर्षस्थानी..
“साहित्य को जीने की शक्ति देनेवाला माननेवाले गीत चतुर्वेदी का गद्य कई विधाओं को समेटता है : उसमें साहित्य, संगीत, कविता, कथा आदि पर विचार रखते हुए एक तरह का बौद्धिक वैभव और संवेदनात्मक लालित्य बहुत घने गुँथे हुए प्रकट होते हैं। उनमें पढ़ने, सोचने, सुनने-गुनने आदि सभी का सहज पर विकल विन्यास भी बहुत स..