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Literary Criticism - Sikkh Guruon Ka Punysmaran

Literary Criticism - Sikkh Guruon Ka Punysmaran
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ने इस पुस्तक में गुरु नानक देव व अर्जुन देव आदि सिख गुरुओं के साहित्यिक पक्ष पर अपने विचार व्यक्त किए हैं । आचार्य द्विवेदी ने इस पुस्तक में गुरुनानक देव के व्यक्तित्व, सन्देश और महिमा के साथ-साथ शिष्य परम्परा और गुरू अर्जुन देव द्वारा ग्रंथ साहिब के संपादन पर प्रकाश डालते हुए गुरु गोविंद सिंह के जीवन-दर्शन, दशम ग्रंथ तथा भारतीय साहित्य में दशम ग्रंथ के स्थान के बारे में गंभीरतापूर्वक विचार किया है । निश्चय ही यह पुस्तक शोधार्थियों और सिक्सों के धार्मिक साहित्य में रुचि रखनेवाले अध्येताओं के लिए उपयोगी होगी ।

Literary Criticism - Sikkh Guruon Ka Punysmaran

Sikkh Guruon Ka Punysmaran - by - Rajkamal Prakashan

Sikkh Guruon Ka Punysmaran -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP660
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP660
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 87p
  • Edition: 2021, Ed. 3rd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 1979
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00