Literary Criticism - Shri Arvind : Meri Dristi Main
‘श्री अरविन्द : मेरी दृष्टि में’ रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की विराट मानसिकता का परिचय करानेवाली विचार-प्रधान कृति है।दिनकर ने इस पुस्तक में योगिराज अरविन्द के विकासवाद, अतिमानव की अवधारणा एवं साहित्यिक मान्यताओं को बहुत ही सरलता से बताया है।श्री अरविन्द केवल एक क्रान्तिकारी ही नहीं, उच्चकोटि के साधक भी थे। राष्ट्रकवि दिनकर के शब्दों में—“श्री अरविन्द की साधना अथाह थी, उनका व्यक्तित्व गहन और विशाल था और उनका साहित्य दुर्गम समुद्र के समान है।”इस पुस्तक की एक विशेषता यह भी है कि यहाँ श्री अरविन्द की कालजयी चौदह कविताओं को भी संकलित किया गया है जो स्वयं राष्ट्रकवि दिनकर द्वारा अपनी विशिष्ट भाषा-शैली में अनूदित की गई हैं।नई साज-सज्जा में प्रस्तुत यह कृति निश्चय ही हिन्दी साहित्य में रुचि रखनेवाले पाठकों के लिए उपादेय सिद्ध होगी।
Literary Criticism - Shri Arvind : Meri Dristi Main
Shri Arvind : Meri Dristi Main - by - Lokbharti Prakashan
Shri Arvind : Meri Dristi Main -
- Stock: 10
- Model: RKP3845
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP3845
- ISBN: 0
- Total Pages: 136p
- Edition: 2008, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 2008
₹ 200.00
Ex Tax: ₹ 200.00