Raza Pustak Mala - Chandrakanta (Santati) Ka Tilism
कई बार क्लैसिक कृतियाँ भी आलोचनात्मक ध्यान में गहनता से नहीं आतीं, भले उनकी लोकप्रियता व्यापक और असंदिग्ध हो। 'चन्द्रकान्ता’ और 'चन्द्रकान्ता सन्तति’ ऐसे ही क्लैसिक हैं जिन पर आलोचना और अनुसन्धान का ध्यान ख़ासी देर से, लगभग बीसवीं शताब्दी के अन्त पर, गया। गहरे विद्वान् और अनूठे आलोचक वागीश शुक्ल ने इस छोटी-सी पुस्तक में अध्यवसाय और सूक्ष्मता से इन दो कृतियों का विश्लेषण और आकलन किया है। रज़ा फ़ाउंडेशन उनकी 'मनमानी बातों’ को पुस्तकाकार प्रस्तुत करते हुए आश्वस्त है कि अब योग्य विचार और विश्लेषण की शुरुआत हो रही है। —अशोक वाजपेयी
Raza Pustak Mala - Chandrakanta (Santati) Ka Tilism
Chandrakanta (Santati) Ka Tilism - by - Rajkamal Prakashan
Chandrakanta (Santati) Ka Tilism -
- Stock: 10
- Model: RKP865
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP865
- ISBN: 0
- Total Pages: 117p
- Edition: 2019, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 2019
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00