Menu
Your Cart

Literary Criticism - Aalochana Ka Vivek

Literary Criticism - Aalochana Ka Vivek
डॉ. देवीशंकर अवस्थी के चिन्‍तन और विवेचन का कैनवस अत्यन्‍त विस्तृत है—सैद्धान्तिक से लेकर व्यावहारिक आलोचना तक उत्‍तरोत्‍तर गूढ़ और चुनौतीपूर्ण सवालों से उन्होंने मुठभेड़ की है। कालिदास, निराला, महादेवी वर्मा, प्रसाद, प्रतापनारायण मिश्र, प्रेमचन्द से लेकर ग्रीक पौराणिक गाथाएँ तक उनकी लेखनी के प्रिय विषय हैं। इसके साथ उनकी सरस आलोचनात्मक वृत्ति वृन्‍दावन, मथुरा, मैसूर, ताजमहल, रानीखेत, मसूरी आदि के सौन्दर्य में भी रमी है। पर उनके आलोचक का सबसे उल्लेखनीय गुण यह है कि वह नव्यता और सम-सामयिकता की चेतना से अनुप्राणित है। इसके चलते उनकी दृष्टि एक नई ऊर्जा और सार्थकता से लैस है। यही चीज़ उन्हें हमेशा प्रासंगिक बनाए रखेगी। डॉ. अवस्थी ने साहित्य की सभी विधाओं को मूल्यवान ढंग से समृद्ध किया है, जैसे—आलोचना, रंग-समीक्षा, कविता, नाटक, प्रहसन, कहानी, रिपोर्ताज, पत्र और डायरी।

Literary Criticism - Aalochana Ka Vivek

Aalochana Ka Vivek - by - Lokbharti Prakashan

Aalochana Ka Vivek - डॉ.

Write a review

Please login or register to review
  • Stock: 2-3 Days
  • Model: RKP3236
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3236
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 386p
  • Edition: 2004, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back
  • Year: 2004
₹ 0.00
Ex Tax: ₹ 0.00