Interview - Batein Hain Baton Ka Kya
पिछले पचास साल की हिन्दी कहानी में अनेक बड़े लेखकों के साथ जिन कहानीकारों का नाम अग्रणी रहा और जिन्हें पाठकों ने लगातार पसन्द किया उनमें काशीनाथ सिंह प्रमुख हैं। काशीनाथ सिंह अपने लेखन के लिए लोक से ऊर्जा ग्रहण करते हैं। वे जीवन का महत्त्व समझने वाले कथाकार हैं। सीधी-सच्ची बात कहने के लिए कला की कृत्रिमता उन्हें कभी पसन्द न आई और तभी उनकी कलम से काशी का अस्सी जैसी कालजयी कृति भी सम्भव हुई। लेखक के संसार को जानने-समझने के लिए ही नहीं वरन् उसकी कला के रहस्य को भी समझने के लिए उससे किए गए संवादों का महत्त्व है। काशीनाथ सिंह से समय-समय पर किए गए संवादों के इस संग्रह को वस्तुत: बतकही की संज्ञा अधिक समीचीन होगी क्योंकि काशीनाथ सिंह उस लोक के कथाकार हैं जो विचारों की आवाजाही में विश्वास रखता है। यहाँ संकलित लगभग दो दर्जन संवाद काशीनाथ सिंह के व्यक्तित्व और उनके सृजन सरोकारों को उजागर करने वाले हैं। विचारधारा, राजनीति और समाज की व्यापक बहसें और सवाल इन संवादों को धार देते हैं तो गद्य की कला का मर्म भी इन संवादों को उल्लेखनीय बनाता है। उनके लेखन के उत्तरार्ध में आई अनेक कृतियों यथा रेहन पर रग्घू, महुआ चरित और उपसंहार पर यहाँ अनेक संवाद हुए हैं।इन सबसे अलहदा और ऊपर है बनारस की बोली-बानी में काशीनाथ सिंह की बतकही। सीधी-सच्ची बातें और न हुआ तो दरेरा देकर कह देने का आत्मविश्वास। यह बतकही हमारे संवादहीनता से भरे समय में आत्मीय गपशप का विरल सुख है। इस गपशप में कथाकार अपने साथ पाठक को वैसे ही साथ लिए बैठा है जैसे गाँव में बर्फीली हवाओं में अलाव तापते हुए लोग सुख-दुःख की बात करते हैं। आइए, इस बतकही में शामिल होते हैं और बातों का आनन्द लेते हैं।
Interview - Batein Hain Baton Ka Kya
Batein Hain Baton Ka Kya - by - Rajkamal Prakashan
Batein Hain Baton Ka Kya -
- Stock: 10
- Model: RKP1315
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP1315
- ISBN: 0
- Total Pages: 192P
- Edition: 2022, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back
- Year: 2022
₹ 795.00
Ex Tax: ₹ 795.00