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Poetry - Harf-E-Awara

Poetry - Harf-E-Awara
बहुत से लोग हैं जो अपने आपको लफ़्ज़ देने के लिए शा'इरी इख़्तियार करते हैं मगर कुछ ख़ुशक़िस्मत ऐसे भी हैं जिन्हें ख़ुद शा'इरी अपने आपको ज़ाहिर करने के लिए चुनती है। अभिषेक उन्हीं चन्द ख़ुशक़िस्मतों में शामिल हैं जिन्हें शा'इरी ने इस ज़माने में अपना तर्जुमान मुक़र्रर किया है। ख़ामोशी अभिषेक की शा'इरी की जन्मभूमि है। उसके पास से ख़ामोशी की ख़ुशबू और आँच आती है कि उसके अन्दर तज्रबों का एक आतिशख़ाना है जो एक बाग़ की तरह खिला हुआ है। ख़ामोशी उसका चाक भी है जिस पर वो लफ़्ज़ों की कच्ची मिट्टी से मा'नी की शक्लें बनाता है। अभिषेक ने ये मिट्टी अपनी ज़ात और ज़माने के जिस्म और रूह के तज्रबों को गूँधकर तैयार की है। ये मिट्टी उसकी अपनी है और उससे बनाई जानेवाली सूरतें भी।—फ़रहत एहसास

Poetry - Harf-E-Awara

Harf-E-Awara - by - Rajkamal Prakashan

Harf-E-Awara -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP1430
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP1430
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 152p
  • Edition: 2020, Ed. 1st
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2020
₹ 160.00
Ex Tax: ₹ 160.00