Fiction : Stories - Bahurupiya Shahar
हर पल शहर के नक़्शे बदलते हैं। अपनी अन्दरूनी ऊर्जाओं, हुनर और काल्पनिक शक्तियों से लोग अपनी रोज़मर्रा में चलती समय की रेखाओं को आकार देते चलते हैं। दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों और पुनर्वास कॉलोनियों में रहते ऐसे सैकड़ों कारीगर हैं, जिनकी जीने की ज़िद्द और चाहतें ज़िन्दगी के अनुभव बनकर क़िस्सों का रूप लेती हुई हमारे रोज़ाना में घुलती हैं। सुनने-सुनाने की इन संस्कृतियों में रहते हुए हमने बचपन से अपने माहौल से सोचने के साधन सींचे हैं। यहाँ अंकुरित हुए ‘बहुरुपिया शहर’ ने दिल्ली के नांगला माँची कॉलोनी के ढहते ढाँचों और घेवरा पुनर्वास कॉलोनी के बनते आकार के बीच अपना रूप लिया है।पिछले कुछ सालों से एलएनजेपी कॉलोनी, दक्षिणपुरी और नांगला माँची में रहनेवाले लगभग ढाई सौ युवक-युवतियाँ अपने माहौल की बौद्धिक ज़िन्दगी के पहलुओं को अपनी ज़िन्दगी में गहरा करने में तत्पर हैं। ये साझा समूह अपने रियाज़ और क्रियाओं से कॉलोनियों के फैलाव और हममें से हर एक के निजी जीवन के बीच एक साँस लेती परत बनाता आया है। इसमें शहर को समझने के कई सवाल और सोच पनपते हैं। ‘बहुरुपिया शहर’ इस साझे सन्दर्भ का एक प्रतिरूप है। इसके हर लेख में हमारे इन सभी साथियों की सोच के सायों की ठंडक, उनके सवालों की गूँज और उनके रियाज़ से उठती चुनौतियों की उत्तेजना है।
Fiction : Stories - Bahurupiya Shahar
Bahurupiya Shahar - by - Rajkamal Prakashan
Bahurupiya Shahar -
- Stock: 10
- Model: RKP2181
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP2181
- ISBN: 0
- Total Pages: 253p
- Edition: 2007, Ed. 1st
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paper Back
- Year: 2007
₹ 175.00
Ex Tax: ₹ 175.00