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Fiction : Novel - Anandmath

Fiction : Novel - Anandmath
प्रस्तुत पुस्तक ‘आनन्‍दमठ’ में 1770 ई. से 1774 ई. तक के बंगाल का चित्र खींचा गया है। यह उपन्यास या ऐतिहासिक उपन्यास से बढ़कर है। ऋषि बंकिम ने इसमें उस युग का सिर्फ़ फ़ोटो नहीं खींचा, बल्कि राष्ट्र-विप्लब के भँवर में फँसे कुछ ऐसे जीवन्‍त मनुष्यों के चित्र दिए हैं, जो आज भी हमें बड़े अपने लगते हैं। इनमें सामान्य स्त्री-पुरुष भी हैं और महापुरुष भी। वे आज भी हमें राष्ट्रोत्थान का मार्ग दिखाते हैं। यह मार्ग है संघर्ष का, अन्याय से लोहा लेने का। गीता की जो टेक है—युध्यस्व-युद्ध करो, वही टेक है ‘आनन्‍दमठ’ की। ‘भगवतगीता’ और ‘आनन्‍दमठ’, इन दोनों में पलायनवाद नहीं है। इसलिए हमारे स्वतंत्रता-संग्राम के दौरान ‘गीता’ को जो महत्त्व मिला, उससे कम महत्त्व ‘आनन्‍दमठ’ को नहीं दिया गया। इसीलिए ‘आनन्‍दमठ’ के सन्‍तान-व्रतधारियों का गीत ‘वन्दे मातरम’ हमारा राष्ट्रगीत है।

Fiction : Novel - Anandmath

Anandmath - by - Lokbharti Prakashan

Anandmath - प्रस्तुत पुस्तक ‘आनन्‍दमठ’ में 1770 ई.

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  • Stock: 10
  • Model: RKP3319
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3319
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 152p
  • Edition: 2020, Ed. 2nd
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2016
₹ 120.00
Ex Tax: ₹ 120.00