Fiction : Novel - Alka
इस उपन्यास में निराला ने अवध क्षेत्र के किसानों और जनसाधारण के अभावग्रस्त और दयनीय जीवन के चित्रण किया है। पृष्ठभूमि में स्वाधीनता आन्दोलन का वह चरण है जब पहले विश्वयुद्ध के बाद गांधी जी ने आन्दोलन की बागडोर अपने हाथों में ली थी। यही समय था जब शिक्षित और सम्पन्न समाज के अनेक लोग आन्दोलन में कूदे जिनमें वकील-बैरिस्टर और पूँजीपति तबके के नेता मुख्य रूप से शामिल थे। इस नेतृत्व का एक हिस्सा किसानों-मज़दूरों के आन्दोलन को उभरने देने के पक्ष में नहीं था। निराला ने इस उपन्यास में इस निहित वर्गीय स्वार्थ का स्पष्ट उल्लेख किया है।
Fiction : Novel - Alka
Alka - by - Rajkamal Prakashan
Alka -
- Stock: 10
- Model: RKP742
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP742
- ISBN: 0
- Total Pages: 154p
- Edition: 2021, Ed. 7th
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 1978
₹ 199.00
Ex Tax: ₹ 199.00