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Fiction : Novel - Alag-Alag Vaitarni

Fiction : Novel - Alag-Alag Vaitarni
प्रेमचन्‍द के बाद ग्रामीण जीवन का चित्रण करनेवाले सफल कथाकारों में शिवप्रसाद जी अगली पंक्ति में आते हैं। अपने इस वृहद् उपन्यास में उन्होंने उत्तर प्रदेश के करैता गाँव को समस्त भारतीय गावों के प्रतिनिधि के रूप में ग्रहण करके अत्यन्‍त यथार्थवादी एवं विचारोत्तेजक चित्रण प्रस्तुत किया है। स्वतंत्रतता आई, ज़मींदारी टूटी। करैता के किसानों को लगा कि दिन फिरेंगें। मगर हुआ क्या। अलग-अलग वैतरणी। अलग-अलग नर्क। इसे निर्मित किया है भूतपूर्व ज़मींदारी ने, धर्म तथा समाज के पुराने ठेकेदारों ने, भ्रष्ट सरकारी ओहदेदारों ने जिससे इस वैतरणी में जूझ और छटपटा रही है गाँव की प्रगतिशील नई पीढ़ी। निश्चय ही यह कृति हिन्‍दी उपन्यास साहित्य की एक उपलब्धि है। 

Fiction : Novel - Alag-Alag Vaitarni

Alag-Alag Vaitarni - by - Lokbharti Prakashan

Alag-Alag Vaitarni -

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  • Stock: 10
  • Model: RKP3256
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3256
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 424p
  • Edition: 0
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2014
₹ 295.00
Ex Tax: ₹ 295.00