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Fiction : Novel - Aawazen Aur Deeware

Fiction : Novel - Aawazen Aur Deeware
'क्या तुमने अपने आप कोई काम करके उसके सुख का अनुभव नहीं किया है? खेती करना...कम-से-कम एक पौधा रोपकर उसका फूल और फल देखना, कोई नई चीज़ तैयार करना, प्यासे भटकते कुत्ते को पानी पिलाना, भूखे आदमी को खाना खिलाना, ऐसा कोई काम...।'' ''आप तो जानते हैं, मैंने सिर्फ़ आदमियों को गोली मारी है। आदमियों का ख़ून पिया है और एक बार आत्महत्या करने की कोशिश भी की थी।'' ''फिर?'' ''अच्छा, अब वह भी बता दूँ! मैं इसी रात यहीं से चला जाऊँगा।'' ''कहाँ?'' ''यह मेरा जन्म-स्थान है न! मैं माँ-बाप को ढूँढने की कोशिश करूँगा। हर घर में जाकर, हर औरत से पूछूँगा—'क्या तुम मेरी माँ हो? क्या तुम्हीं ने मुझे मेरे पैदा होते ही चिथड़ों में लपेटकर चौराहे के अँधेरे में डाल दिया था?' मरने के बाद भी मैं भयंकर प्रेत बनकर रात में हर घर में जाकर, आँखें फाड़कर दरवाजा खटखटाऊँगा।'' —इसी पुस्तक से

Fiction : Novel - Aawazen Aur Deeware

Aawazen Aur Deeware - by - Lokbharti Prakashan

Aawazen Aur Deeware - 'क्या तुमने अपने आप कोई काम करके उसके सुख का अनुभव नहीं किया है?

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  • Stock: 2-3 Days
  • Model: RKP3243
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP3243
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 102p
  • Edition: 0
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paper Back
  • Year: 2007
₹ 0.00
Ex Tax: ₹ 0.00