Menu
Your Cart

Fiction : Novel - Aaspas Se Gujrate Hue

Fiction : Novel - Aaspas Se Gujrate Hue
‘अनु–––सर्दियों की एक ख़ुशनुमा ढलती साँझ में मेरे ज़ेहन में आई थी। शाम से लेकर पूरी रात वह मेरे साथ रही। अगले ही दिन मैंने तय कर लिया कि अनु को आकार देना चाहिए। अनु जैसी किसी से मैं आज तक मुखातिब नहीं हुई हूँ। पर टुकड़ों में उसकी छवियाँ मेरे आसपास से गुज़रती रही हैं। आज के दौर की एक सामान्य-सी युवती है अनु, जो कुछ परवरिश के तौर–तरीक़े के चलते, तो कुछ परिस्थितिवश और बहुत कुछ अपने स्वभावगत गुण–अवगुण की वजह से लीक से हटकर चलने की कोशिश में लगी है।’ इस उपन्यास की नायिका के बारे में लेखिका का यह वक्तव्य, अगर बहुत ज्‍़यादा नहीं तो इतना तो बताता ही है कि वह ‘लीक से हटकर’ चलनेवाली युवती है, उसके ख़ाका को पूरा करने के लिए इतना–भर और जोड़ लेना काफ़ी होगा कि वह हमारे दरवाज़े के बाहर खड़े, ‘इन्स्टैंट’ वर्तमान से उठी हुई नायिका है—अपनी टुकड़ा–टुकड़ा छवियों में ही आकार लेती हुई।

Fiction : Novel - Aaspas Se Gujrate Hue

Aaspas Se Gujrate Hue - by - Rajkamal Prakashan

Aaspas Se Gujrate Hue -

Write a review

Please login or register to review
  • Stock: 10
  • Model: RKP54
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP54
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 159p
  • Edition: 0
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Paper Back
  • Year: 2001
₹ 50.00
Ex Tax: ₹ 50.00
Tags: aaspas , se , gujrate , hue , fiction , : , novel , hindi , gagan , notebook