Essay - Bharatmata : Dhartimata
प्रस्तुत पुस्तक 'भारतमाता-धरतीमाता' समाजवादी विचारक और चिन्तक डॉ. राममनोहर लोहिया के सामाजिक, सांस्कृतिक (ग़ैर राजनीतिक) लेखों का संग्रह है जो लोहिया के सांस्कृतिक मन और सोच को उजागर करता है। संग्रह के सभी लेख मूल रूप में ग़ैर राजनीतिक हैं, लेकिन कहीं-कहीं राजनीति की झलक ज़रूर दिख जाती है, वह लोहिया की मजबूरी थी। रामायण, राम, कृष्ण तीर्थों और अन्य विषयों पर उनकी जो दृष्टि थी उनमें वे आधुनिक सन्दर्भ को जोड़ते थे, इसलिए कहीं-कहीं राजनीति की झलक मिलती है। संग्रह के सभी लेख लोहिया जी के जीवन-काल में सन् 1950 से 1965 तक के कालखंड के ही हैं, अत: बीच-बीच में आबादी आदि के जो आँकड़े प्रस्तुत किए गए हैं, वे उसी समय के हैं।प्रस्तुत पुस्तक निःसन्देह पठनीय और संग्रहणीय है।
Essay - Bharatmata : Dhartimata
Bharatmata : Dhartimata - by - Lokbharti Prakashan
Bharatmata : Dhartimata - प्रस्तुत पुस्तक 'भारतमाता-धरतीमाता' समाजवादी विचारक और चिन्तक डॉ.
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- Model: RKP3358
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP3358
- ISBN: 0
- Total Pages: 203p
- Edition: 2019, Ed. 7th
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 0
₹ 150.00
Ex Tax: ₹ 150.00