Essay - Ashok Ke Phool
आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी भारतीय मनीषा के प्रतीक और साहित्य एवं संस्कृति के अप्रतिम व्याख्याकार माने जाते हैं और उनकी मूल निष्ठा भारत की पुरानी संस्कृति में है। लेकिन उनकी रचनाओं में आधुनिकता के साथ भी आश्चर्यजनक सामंजस्य पाया जाता है।‘हिन्दी साहित्य की भूमिका’ और ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ जैसी यशस्वी कृतियों के प्रणेता आचार्य द्विवेदी को उनके निबन्धों के लिए भी विशेष ख्याति मिली। निबन्धों में विषयानुसार शैली का प्रयोग करने में इन्हें अद्भुत क्षमता प्राप्त है। तत्सम शब्दों के साथ ठेठ ग्रामीण जीवन के शब्दों का सार्थक प्रयोग इनकी शैली का विशेष गुण है।भारतीय संस्कृति, इतिहास, साहित्य, ज्योतिष और विभिन्न धर्मों का उन्होंने गम्भीर अध्ययन किया है जिसकी झलक पुस्तक में संकलित इन निबन्धों में मिलती है। छोटी-छोटी चीज़ों, विषयों का सूक्ष्मतापूर्वक अवलोकन और विश्लेषण-विवेचन उनकी निबन्ध-कला का विशिष्ट व मौलिक गुण है।निश्चय ही उनके निबन्धों का यह संग्रह पाठकों को न केवल पठनीय लगेगा, बल्कि उनकी सोच को एक रचनात्मक आयाम प्रदान करेगा।
Essay - Ashok Ke Phool
Ashok Ke Phool - by - Lokbharti Prakashan
Ashok Ke Phool -
- Stock: 10
- Model: RKP3911
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP3911
- ISBN: 0
- Total Pages: 176p
- Edition: 2017, Ed. 32nd
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 2007
₹ 120.00
Ex Tax: ₹ 120.00