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Education Books

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आधुनिक शिक्षा व्यवस्था केवल उच्च और मध्यम वर्गों की सेवा करती है। निम्न-मध्य और निम्न वर्गों के विद्यार्थी इसमें अपनी वास्तविकताओं के बरक्स खड़ी दुनियाओं के अनुकरण से ज्‍़यादा कुछ हासिल नहीं करते। कुछ प्रयास इस दिशा में ज़रूर हुए हैं कि वंचित और हाशिए पर पड़े लोगों तक शिक्षा पहुँचे, लेकिन वह किस रूप म..
₹ 350.00
Ex Tax:₹ 350.00
जीवन में सफल होने के लिए अध्ययन आवश्यक है। शिक्षा मनुष्य के व्यक्तित्व को संस्कारित और मन को परिष्कृत करती है। शिक्षा से ही हम स्वयं को समाज और देश के लिए उपयोगी बनाते हैं। हमारे सर्वांगीण विकास में हमारी बुद्धि, चेतना और विवेक का विकास भी शामिल है जिसके लिए सम्यक् अध्ययन ज़रूरी है।‘अध्ययन कैसे कर..
₹ 99.00
Ex Tax:₹ 99.00
जब हम गांधी जी द्वारा परिकल्पित तथा कार्यान्वित बुनियादी शिक्षा की बात करते हैं तो अजीब-सा अनुभव महसूस हो सकता है, क्योंकि गांधी जी की बुनियादी शिक्षा-परिकल्पना के साथ आज के शिक्षा-जगत् का कोई सम्बन्ध नहीं है।प्रस्तुत पुस्तक का विचारणीय विषय यही है कि गांधी जी द्वारा परिकल्पित बुनियादी शिक्षा की म..
₹ 595.00
Ex Tax:₹ 595.00
किसी शिशु के जीवन के प्रारम्भिक छह वर्ष सामान्य मान्यता के अनुसार अत्यधिक नाजुक वर्ष माने गए हैं। क्योंकि इस दौरान उसके विकास की गति बहुत तेज़ होती है। इन वर्षों में उसे गुणात्मक रूप से उत्प्रेरक एवं समृद्ध वातावरण की आवश्यकता होती है, जिससे कि उसके समग्र विकास को उस बिन्दु तक ले जाना सम्भव हो, जहाँ..
₹ 250.00
Ex Tax:₹ 250.00
अतीत की साझेदारी के बावजूद भारत और पाकिस्तान के स्कूलों में स्वाधीनता संघर्ष का इतिहास बिलकुल अलग ढंग से पढ़ाया जाता है। इतिहास की पढ़ाई दो परस्पर विरोधी राष्ट्रीय अस्मिताओं का निर्माण करती है। कुछ घटनाओं पर ज़ोर देकर और कुछ को छोड़कर स्कूली पाठ्य-पुस्तकें किस तरह दो अलग आख्यान रचती हैं, प्रोफ़ेसर कृष्ण..
₹ 299.00
Ex Tax:₹ 299.00
सीखने का शिक्षा में और शिक्षा का मानव के गुणात्मक विकास में अहम योगदान है। गुणात्मक शिक्षण के लिए ‘उत्पादक शैक्षिक वातावरण’ पूर्वापेक्षित है। यह पुस्तक ‘उत्पादक शैक्षिक वातावरण के निर्माण’ में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक सीखने-सिखाने से जुड़े मार्गदर्शकों की सहायता करने का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास..
₹ 195.00
Ex Tax:₹ 195.00
बच्चों की व्यवस्थित शिक्षा एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण तथा संवेदनशील कार्य है। विशेषकर 14 वर्ष की अवस्था तक के बच्चों को पठन-पाठन के लिए प्रवृत्त करने तथा उनके आधिगमिक स्तर को बढ़ाने के लिए उनकी मनःस्थिति, परिवेश तथा भाषा को ध्यान में रखना शिक्षक के लिए आवश्यक होता है। यही कारण है कि लेखक ने पुस्तक में ..
₹ 395.00
Ex Tax:₹ 395.00
शिक्षा की बहसें प्रायः सरकारी नीतिपत्रों में दिए गए वायदों, घिसे-पिटे आदर्श वाक्यों या फिर प्राचीन व्यवस्था के मिथकों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। स्कूल और कॉलेजों की दैनिक चर्चा हो या शिक्षाशास्त्र की पाठ्य-पुस्तकें—दोनों ही बच्चे के जीवित संसार और समाज के व्यापक संघर्षों से बहुत दूर जा पड़ी हैं। इस पुस..
₹ 495.00
Ex Tax:₹ 495.00
फ़्रायड ने कहा है कि जब किरण फूटती है तो सवेरा होता है। वही महत्त्व संवाद का भी है कि जब कोई व्यक्ति बोलता है तो वह खुलता है। साक्षात्कार दरअसल नियोक्ता द्वारा उम्मीदवार को खोलने का ही प्रयास है जिससे वह पता लगाता है कि उम्मीदवार उनके संस्थान के लिए कितना समर्थ और योग्य है। यह पुस्तक साक्षात्कार की ..
₹ 95.00
Ex Tax:₹ 95.00
कई बार कुछ चीज़ें, हमारे जीवन में बिना कोई प्रश्न खड़ा किए, पूरी मासूमियत और स्वाभाविकता से आकर शामिल हो जाती हैं, हम देख भी नहीं पाते कि उन्होंने हमारे साथ क्या किया, कृष्ण कुमार अक्सर इन्हीं चीज़ों की आवाजाही को पकड़ते हैं, और एक ऐसी सुथरी, संयत, पारदर्शी और अभिव्यक्तिशील भाषा में उन्हें अंकित करते ..
₹ 300.00
Ex Tax:₹ 300.00
कृष्ण कुमार का यह नया निबन्ध-चयन उनके शैक्षिक लेखन को एक वृहत्तर सांस्कृतिक सन्दर्भ देता है। बच्चों के लालन-पालन और उनकी शिक्षा से जुड़े सवालों की पड़ताल यहाँ बीसवीं सदी के अन्तिम वर्षों में बदलती-बनती नागरिक संस्कृति की परिधि में की गई है।खिलौनों और पाठ्य-पुस्तकों की भाषा से लेकर धार्मिक अलगाववाद क..
₹ 495.00
Ex Tax:₹ 495.00
भारत और पाकिस्तान के सम्बन्धों में भावनाओं, विचारों और सन्देहों का एक बड़ा-सा जंजाल आज़ादी के समय से फैला हुआ है, जो समय–समय पर टकराव की स्थिति पैदा कर देता है। इस पुस्तक में इस जंजाल की छानबीन गहरे धीरज और इस आशा के साथ की गई है कि दोनों देश अपनी–अपनी राष्ट्रीय अस्मिताओं को बनाए रखते हुए शान्ति के ए..
₹ 95.00
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