श्रीनरेश मेहता अपनी परम्परा के प्रति ‘आत्मविस्मृत आधुनिकों’ में नहीं, बल्कि उन आधुनिक कवियों में हैं, जो तमाम आयातित विचारों और प्रवृत्तियों के लिए खुले रहते हुए भी उनकी अधीनता स्वीकार नहीं करते। इतना ही नहीं, सतत एक आधुनिक भारतीय कवि की उपस्थिति भी दर्ज कराते हैं। वे निषेध नहीं करते, वरन् अपरिहार्य..
More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2000
Edition Year 2014, Ed. 2nd
Pages 315p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan -Hans Prakashan
Dimensions 21.5 X 13.5 X 2.5..
ग्रंथावली के इस प्रथम खंड में पंत जी की वे पाँच आरम्भिक कृतियाँ सम्मिलित हैं, जिनकी रचना उन्होंने काल–क्रमानुसार सन् 1935 से पूर्व की थी। हिन्दी कविता के प्रसिद्ध छाया–युग की विशिष्ट देन के रूप में ये बहुचर्चित रही हैं।पहली कृति ‘हार’ एक उपन्यास है जिसकी रचना उन्होंने सोलह–सत्रह वर्ष की अल्प वय मे..
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने ठाकुर जगमोहन सिंह के साहित्य के वैशिष्ट्य को लक्ष्य करते हुए उचित ही लिखा था कि भारतेन्दु और अन्य कवियों-लेखकों की ‘दृष्टि और हृदय की पहुँच मानव-क्षेत्र तक ही थी,’ लेकिन ‘ठाकुर जगमोहन सिंह ने नरक्षेत्र के सौन्दर्य को प्रकृति के और क्षेत्रों के सौन्दर्य के मेल में देखा है।’
..
प्रस्तुत रचनावली में डॉ. विपिनकुमार अग्रवाल के तीन निबन्ध-संग्रह, दो नाटक-संग्रह, एक नाटक और एक उपन्यास संकलित हैं।संवाद का आधार तर्क है। तर्क सन्तुलन से हटकर बराबर गतिशील रहता है। एक निष्कर्ष पर पहुँचकर तुरन्त उसे चुनौती देता है। हर देखे गए पहलू और हर मिले परिवेश को पूरी तस्वीर का अंग मानता है। अ..
More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 1962
Edition Year 1962, Ed. 1st
Pages 814p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan -Hans Prakashan
Dimensions 22 X 13.5 X 4..