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Cinema - Cinema Ke Baare Mein

Cinema - Cinema Ke Baare Mein
इस पुस्तक में नसरीन मुन्नी कबीर ने जावेद अख़्तर जैसे बहुआयामी रचनाधर्मी से लम्बी बातचीत की है, जिसके अन्तर्गत जावेद की प्रारम्भिक रचनाओं पर पड़े प्रभावों, उनके पारिवारिक जीवन और फ़िल्म-जगत के महत्त्वपूर्ण पक्षों को उद्घाटित किया गया है, जहाँ जावेद ने सन् ’65 के आसपास ‘कैपलर-ब्वाय’ के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। इस बातचीत में सलीम ख़ाँ के साथ उनके सफल साझे-लेखन पर भी पर्याप्त प्रकाश पड़ता है।इस पुस्तक में मौलिक विचारक जावेद अख़्तर ने विश्लेषणात्मक ढंग से हिन्दी सिनेमा की परम्परा, गीत-लेखन और कथा-तत्त्व के विभिन्न पक्षों को उद्घाटित किया है और फ़िल्म-लेखन के कई पक्षों की सारगर्भित चर्चा की है। पटकथा-लेखन और फ़िल्मी शायरी के बारे में अपनी मौलिक मान्यताओं और रचना-प्रक्रिया के विभिन्न आयामों पर टिप्पणियाँ करने के साथ-साथ जावेद ने यह भी बताया है कि श्रेष्ठ पटकथाएँ और गीत कैसे लिखे जाते हैं?जावेद ने सफ़ाई और ईमानदारी से अपनी शायरी और राजनैतिक जागरूकता की विकास-यात्रा पर भी महत्त्वपूर्ण चर्चा की है।जावेद के हास्य-व्यंग्य, उनकी प्रखर बौद्धिकता, पटकथा-लेखन की तकनीक पर उनकी गहरी पकड़ और सोदाहरण बातचीत ने इस पुस्तक को उन सबके लिए महत्त्वपूर्ण बना दिया है, जिनकी फ़िल्म और कला में रुचि है।

Cinema - Cinema Ke Baare Mein

Cinema Ke Baare Mein - by - Rajkamal Prakashan

Cinema Ke Baare Mein - इस पुस्तक में नसरीन मुन्नी कबीर ने जावेद अख़्तर जैसे बहुआयामी रचनाधर्मी से लम्बी बातचीत की है, जिसके अन्तर्गत जावेद की प्रारम्भिक रचनाओं पर पड़े प्रभावों, उनके पारिवारिक जीवन और फ़िल्म-जगत के महत्त्वपूर्ण पक्षों को उद्घाटित किया गया है, जहाँ जावेद ने सन् ’65 के आसपास ‘कैपलर-ब्वाय’ के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। इस बातचीत में सलीम ख़ाँ के साथ उनके सफल साझे-लेखन पर भी पर्याप्त प्रकाश पड़ता है।इस पुस्तक में मौलिक विचारक जावेद अख़्तर ने विश्लेषणात्मक ढंग से हिन्दी सिनेमा की परम्परा, गीत-लेखन और कथा-तत्त्व के विभिन्न पक्षों को उद्घाटित किया है और फ़िल्म-लेखन के कई पक्षों की सारगर्भित चर्चा की है। पटकथा-लेखन और फ़िल्मी शायरी के बारे में अपनी मौलिक मान्यताओं और रचना-प्रक्रिया के विभिन्न आयामों पर टिप्पणियाँ करने के साथ-साथ जावेद ने यह भी बताया है कि श्रेष्ठ पटकथाएँ और गीत कैसे लिखे जाते हैं?

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  • Stock: 10
  • Model: RKP767
  • Weight: 250.00g
  • Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
  • SKU: RKP767
  • ISBN: 0
  • Total Pages: 143p
  • Edition: 2016, Ed. 4th
  • Book Language: Hindi
  • Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
  • Year: 2001
₹ 350.00
Ex Tax: ₹ 350.00
Tags: cinema , ke , baare , mein , cinema , hindi , gagan , notebook