Autobiography - Anya Se Ananya
भारतीय-साहित्य की विलक्षण बुद्धिजीवी डॉ. प्रभा खेतान दर्शन, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, विश्व-बाज़ार और उद्योग-जगत की गहरी जानकार थीं और सबसे बढ़कर थीं—सक्रिय स्त्रीवादी लेखिका। उन्होंने विश्व के लगभग सारे स्त्रीवादी लेखन को घोट ही नहीं डाला, बल्कि अपने समाज में उपनिवेशित स्त्री के शोषण, मनोविज्ञान, मुक्ति के संघर्ष पर विचारोत्तेजक लेखन भी किया।और उसी क्रम में उन्होंने लिखी यह आत्मकथा—‘अन्या से अन्यया’। ‘हंस’ में धारावाहिक रूप से प्रकाशित इस आत्मकथा को जहाँ एक बोल्ड और निर्भीक आत्मस्वीकृति की साहसिक गाथा के रूप में अकुंठ प्रशंसाएँ मिलीं, वहीं बेशर्म और निर्लज्ज स्त्री द्वारा अपने आपको चौराहे पर नंगा करने की कुत्सित बेशर्मी का नाम भी दिया गया...।महिला उद्योगपति प्रभा खेतान का यही दुस्साहस क्या कम था कि उन्होंने मारवाड़ी पुरुषों की दुनिया में घुसपैठ की। कलकत्ता चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स की अध्यक्ष बनीं। एक के बाद एक उपन्यास और वैचारिक पुस्तकों का लेखन किया। वही प्रभा ‘अन्या से अनन्या’ में एक अविवाहित स्त्री, विवाहित डॉक्टर के धुआँधार प्रेम में पागल है। दीवानगी की इस हद को पाठक क्या कहेंगे कि प्रभा डॉ. सर्राफ़ की इच्छानुसार गर्भपात कराती है और खुलकर अपने आपको डॉ. सर्राफ़ की प्रेमिका घोषित करती है। स्वयं एक अत्यन्त सफल, सम्पन्न और दृढ़ संकल्पी महिला परम्परागत ‘रखैल’ का साँचा तोड़ती है, क्योंकि वह डॉ. सर्राफ़ पर आश्रित नहीं है। वह भावनात्मक निर्भरता की खोज में एक असुरक्षित निहायत रूढ़िग्रस्त परिवार की युवती है। प्रभा जानती थीं कि वह व्यक्तिगत रूप से ही असुरक्षित नहीं है, बल्कि जिस समाज का हिस्सा है, वह भी आर्थिक और राजनैतिक रूप से उतना ही असुरक्षित उद्वेलित है। तत्कालीन बंगाल का सारा युवा-वर्ग इस असुरक्षा के विरुद्ध संघर्ष में कूद पड़ा है और प्रभा अपनी इस असुरक्षा की यातना को निहायत निजी धरातल पर समझना चाह रही हैं...एक तूफ़ानी प्यार में डूबकर...या एक बुर्जुआ प्यार से मुक्त होने की यातना जीती हुई...।इस तरह देखें तो प्रभा खेतान की यह आत्मकथा अपनी ईमानदारी के अनेक स्तरों पर एक निजी राजनैतिक दस्तावेज़ है—बेहद बेबाक, वर्जनाहीन और उत्तेजक...।
Autobiography - Anya Se Ananya
Anya Se Ananya - by - Rajkamal Prakashan
Anya Se Ananya - भारतीय-साहित्य की विलक्षण बुद्धिजीवी डॉ.
- Stock: 10
- Model: RKP1545
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RKP1545
- ISBN: 0
- Total Pages: 287p
- Edition: 2019, Ed. 6th
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Back, Paper Back
- Year: 2007
₹ 299.00
Ex Tax: ₹ 299.00