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Anthology

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‘अज्ञेय’ का समय। आज़ादी के पहले और ठीक बाद में बिंधा। ऐसा समय जो क़तई हल्का नहीं बैठता, काँधों पर। चूँकि अतिरिक्त ज़ोर, दबाव और मक़सद की मची है कि हम निर्माण कर रहे हैं एक नए वक़्त का और हम करके रहेंगे।भूलने, भटकने की कलाकार की प्यास, वक़्त की इन औचित्यपूर्ण, निष्ठा-भरी माँगों के भार में फँसती-सी है..
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अगर स्वतंत्रता को बीसवीं शताब्दी की एक बीज अवधारणा मानें तो जिन मूर्धन्य और कालजयी लेखकों ने इस अवधारणा को अपने सृजन, विचार और आयोजन का केन्द्र बनाया, उनमें अज्ञेय का स्थान ऊँचा और प्रमुख हैं। हिन्दी को उसकी आधुनिकता और भारतीय स्वरूप देने में भी अज्ञेय की भूमिका केन्द्रीय रही है। उनकी यह शीर्षस्थानी..
₹ 175.00
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अज्ञेय हिन्दी के बहुआयामी, साथ ही विवादास्पद लेखक हैं। प्रेमचन्दोत्तर काल में ‘गोदान’ के आदर्शोन्मुख यथार्थवाद के बाद मनोवैज्ञानिक यथार्थवाद का यह मॉडल इस दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है कि इसकी प्रभावछाया में साहित्य का एक बड़ा भाग आता जा रहा है। द्वितीय विश्वयुद्ध की छाया, भारतीय स्वाधीनता-संग्राम, सा..
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एक आलोचक के रूप में अज्ञेय की स्थापनाओं ने पिछली लगभग पूरी शताब्दी को आन्दोलित किया है। वे अपने समय के अधीत, पश्चिम-पूर्व के लेखन से सुपरिचित लेखकों में थे। उन्होंने विश्व-वैचारिकी को अपने अध्ययन और चिन्तन में ढाला था और उसे भारतीय समाज और साहित्य के परिप्रेक्ष्य में देखा-परखा था। वैश्विक लेखन से सघ..
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