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Satire

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बुश ने मुशर्रफ से कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि कराची के बाज़ार में एक बुर्केवाली ने तड़पकर कहा, ‘‘तूने मुझे कैसे पहचान लिया बदज़ात?’’ दूसरी बुर्केवाली ने कहा, ‘‘घबरा मत। मैं मुल्ला उमर हूँ।’’ मुशर्रफ ने चिढ़कर कहा, ‘‘यह सूचना नहीं चुटकुला है। ये भारतीय हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते तो हमारे विरुद्ध ऐसे चुटक..
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हिन्दी के जाने-माने व्यंग्यकार शरद जोशी के व्यंग्य जहाँ पाठक के मन को गुदगुदाते हैं वहीं सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विसंगतियों को दर्शाते हुए करारी चोट भी करते हैं। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा आम लोगों की समस्याओं को हल करने की नाकाम कोशिशों पर कटाक्ष करने से भी नहीं चूकते। ‘तिलस्म’ में लेखक ने इसी..
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