Economic Development - Rebooting India - Paperback
120 करोड़ नागरिकों को उनकी आकांक्षाओं को साकार करने में सक्षम बनाने की भारत के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। दूसरी चुनौती है, एक वैश्विक महाशक्ति बनने की जो तभी सम्भव होगा जब हम विरोधाभासों को दूर करने के साथ-साथ समाज को विकृत बनाने वाली दूरी को खत्म करेंगे। नन्दन निलेकणी और विरल शाह के अनुसार, प्रौद्योगिकी के उपयोग से बुनियादी तौर पर सरकार की पुनर्कल्पना से ही यह सम्भव हो पायेगा। रीबूटिंग इंडिया में भारत में ऐसे एक दर्जन उपक्रमों की पहचान की गयी है जो भारत की चुनौतियों के लिए नागरिक-अनुकूल, उच्च तकनीक सार्वजनिक संस्थाओं की एक शृंखला के द्वारा कम लागत के समाधान मुहैया करा सके। दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक पहचान कार्यक्रम ‘आधार’ निर्माण के दौरान हुए अनुभवों पर आधारित, निलेकणी और शाह द्वारा प्रस्तावित उपक्रमों के द्वारा सरकार इन दोनों चुनौतियों पर खरी उतर सकती है और साथ ही कम से कम 1,00,000 करोड़ रुपये सालाना की बचत हो सकती है। निलेकणी और शाह का मानना है कि ऐसा करने के लिए 10,000 या यहाँ तक कि हज़ार लोग भी नहीं चाहिए; चाहिए तो सिर्फ़ छोटी, अत्यधिक कुशल, उद्यमी व्यक्तियों की टीम और समर्थन देने वाले प्रधानमन्त्री।
Economic Development - Rebooting India - Paperback
Rebooting India - Paperback - by - Rajpal And Sons
Rebooting India - Paperback -
- Stock: 10
- Model: RAJPAL613
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: RAJPAL613
- ISBN: 9789350642726
- ISBN: 9789350642726
- Total Pages: 368
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2016
₹ 495.00
Ex Tax: ₹ 495.00