पुस्तक के बारे में:
प्रस्तुत पुस्तक UPSSSC ग्राम समाज एवं विकास : राजस्व लेखपाल, चकबंदी लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, समाज कल्याण पर्यवेक्षक एवं अन्य समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए तैयार की गई है। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक को दो ..
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था का संरचनात्मक स्वरूप बहुत तेजी से बदला। फिर चाहे नोटबंदी जैसा कठोर फैसला हो या फिर जी.एस.टी. जैसे चिरप्रतीक्षित बदलाव को आखिरकार लागू करने में सफलता, कई मायनों में भारत का अर्थतंत्र ऐसे अनेक निर्णयों, नीतियों और प्रणालियों के क्रियान्वयन से प्रभावित हुआ है।
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छत्तीसगढ़ शताब्दियों से समन्वय, सद्भाव तथा श्रेष्ठ संस्कारों का क्षेत्र रहा है। माता कौसल्या की जन्मभूमि और श्रीराम के ननिहाल इस प्राचीन दक्षिण कोसल में भारतीय संस्कृति का धवल चरित्र विकसित हुआ। सिरपुर (प्राचीन श्रीपुर) में ताजा उत्खनन में प्राप्त छठवीं से आठवीं शताब्दी तक के पुरा-अवशेषों से पता चलत..
विकास का विश्वास—मृदुला सिन्हासमाज की आवश्यकताओं के अनुरूप जो कल्याणकारी या विकासात्मक योजनाएँ बनती हैं, वे जरूरतमंदों तक पहुँच नहीं पातीं। माध्यम बने सरकारी तंत्र या स्वैच्छिक क्षेत्र अपनी विश्वसनीयता बनाने में अक्षम रहे हैं, इसलिए अरबों रुपया पानी की तरह बहाकर भी सरकार और जनता के बीच विश्वसनीयत..
नागपुर शहर में राजनीति में पहला कदम रखनेवाले नितिन गडकरी जब देश के राजनीतिक केंद्र नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद की बागडोर सँभालने के लिए आए, तब राजनीतिक दलों में चर्चा का विषय था कि कौन हैं नितिन गडकरी? इसका उत्तर देती है यह कृति ‘विकास के पथ...’।
नागपुर की गली-मोहल्लों में पोस्टर..
भारतीय जनता पार्टी देश की एक और राजनीतिक पार्टी भर नहीं है। अपने निर्माण व विकास के वर्षों में भाजपा खुद को पार्टी विद डिफरेंस (भिन्न किस्म का दल) के रूप में वर्णित कर गर्व महसूस करती रही है।
एक के बाद एक आई दोनों वाजपेयी सरकारों ने यह प्रभावी तरीके से स्थापित कर दिया कि गठबंधन सरकारें टिकाऊ साबित..
देश की पाँचवीं सबसे बड़ी नदी नर्मदा, अपने अंचल में बसी आबादी के लिए साक्षात् जीवनदायिनी है। इसके विशाल कछार क्षेत्र में फैले वन, वनों में विचरते वन्य प्राणियों और पक्षियों के विविध रूप नर्मदा घाटी को प्रकृति का अनुपम सौन्दर्य प्रदान करते हैं।नर्मदा के जल को विकास के लिए दोहन करने के विचार को पंडित ..
तेलगू के ख्यात लेखक तापी धर्माराव के लेखन का आधार इतिहास व किंवदन्तियों का वैज्ञानिक अन्वेषण है। प्रत्यक्ष अनुभव के आधार पर उन्होंने सामाजिक यथार्थ की पुस्तकें लिखी हैं। स्थापित रूढ़ मान्यताओं के पैरवीकारों को थोड़ी आपत्ति अवश्य हो सकती है, लेकिन इन मुद्दों पर विचार करने के लेखकीय आग्रह को वे टाल नहीं..