"देश में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बेरोज़गारी से जूझते लाखों हिन्दुस्तानी युवाओं का सपना है - सरकारी नौकरी। इस सपने को साकार करने के लिए वे अपनी जवानी के आठ-दस साल इसमें लगा देते हैं। लेकिन कठिन, लम्बे संघर्ष के बावजूद भी बहुतों को नौकरी हाथ नहीं लगती। इसका कारण अभ्यर्थियों की काबिलियत की कमी ही नहीं ले..