रतन लाल शांत कश्मीरी तथा हिंदी के जाने-माने कहानीकार, कवि, आलोचक हैं। अभी तक उनकी कश्मीरी व हिंदी की लगभग तीन दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
ये कहानियाँ उनके साहित्य अकादेमी से प्राप्त कथा-संग्रह ‘छयन’ (छिन्न/टूटन) से लेकर उन्होंने स्वयं अनूदित की हैं। अधिकांश प्रदेश तथा देश की पत्र-पत्रिकाओं..
ललित सुरजन के साथ कहीं घूमने-फिरने का अनुभव अपने आपमें अनूठा है। वे हिन्दी के महत्त्वपूर्ण कवि, पत्रकार, संवेदनशील चिन्तक तो हैं ही परन्तु इन सभी भूमिकाओं से बढ़कर एक सरल प्रकृति के दिलचस्प आदमी हैं जो तमाम जगहों में घूमते हैं और वहाँ की प्राकृतिक छटा, ऐतिहासिक वैभव और वर्तमान की तमाम तामीरों पर गौर ..