अज्ञान रूपी पालने मेंज्ञान रूपी शिशु सुलाकरसकल वेदशास्त्र रूपी रस्सी से बाँधकर झूला,झुलाती हुई पालनेलोरी गा रही है, भ्रान्ति रूपी माई!जब तक पालना न टूटे, रस्सी न कटेलोरी बन्द न होतब तक गुहेश्वर लिंग के दर्शन नहीं होंगे॥अल्लम सृजनशीलता के प्रति विश्वास रखते हैं कि ‘नि:शब्द ज्ञान क्या ..
राजनीति, कला, खेल-कूद, विज्ञान, समाज-सेवा सभी क्षेत्रों में भारत की महिलाओं ने अपने योगदान की अनूठी छाप छोड़ी है। इंदिरा गांधी से इंदिरा नूयी तक, सरोजिनी नायडू से सायना नेहवाल तक, कमला देवी चट्टोपाध्याय से कल्पना चावला तक, अरुणा आसफ़ अली से अरुणा राय तक, ये सभी भारतीय महिलाएं अपने अलग-अलग कार्यक्षेत्र..
छत्तीसगढ़ का बस्तर अंचल देशवासियों को ही नहीं, अपितु विदेशियों को भी अपनी विशिष्ट एवं समृद्ध आदिवासी एवं लोक-संस्कृति के कारण आरम्भ से ही आकर्षित करता रहा है। यहाँ की आदिवासी एवं लोक-संस्कृति में साहित्य कला के अन्तर्गत वाचिक परम्परा के सहारे न जाने कब से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संचरित होती आ रही..
हिन्दी में हास्य-व्यंग्य कविताओं का उदय मुख्यतः स्वतंत्रता के बाद हुआ। बेढब बनारसी, रमई काका, गोपालप्रसाद व्यास और काका हाथरसी आदि कवियों ने हिन्दी की ज़मीन में हास्य-व्यंग्य कविताओं के बीज बोए। कालान्तर में, ख़ासकर सन् 1970 के बाद, ये बीज भरपूर फ़सल बने और लहलहाए। जीवन में बढ़ते तनाव ने हास्य-व्यंग्य..
द्विवेदी-युग के उत्तरार्ध में आचार्य शुक्ल के रूप में पहली बार हिन्दी-आलोचना ने पारम्परिक भारतीय काव्य-चिन्तन की अन्तरवर्ती प्राणधारा और आधुनिक यूरोप के विज्ञानालोकित कला-चिन्तन के उल्लसित प्रवाह की संश्लिस्ट शक्ति का आधार लेकर अपने मौलिक व्यक्तित्व का निर्माण किया, उनका मूल स्वर रीति-विरोधी और लोक-..
मैं चुप रहा। वह बोलता गया-“तुम ऐसा करो, बेनीपुरी का जो 'मोनोग्राफ' तुम तैयार कर रहे हो, उसके लिए तुम सच्चाई की कल्पना के 'मोड' (Mode) में जाओ। खुद बेनीपुरी ने अपने बारे में जो कुछ लिखा और दूसरे समकालीनों ने उनके बारे में जो लिखा, उसको पढ़ो और देखो। पढ़कर देखने और पढ़ते-पढ़ते देखने का प्रयोग करो। मा..
बुद्धि से संचालित, मूल्यों से प्रेरित इंफोसिस 1981 से ही नए भारत की अग्रणी कंपनी बनी हुई है। सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में इसने अप्रतिम और अद्भुत कार्य किया है और वैश्विक स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।इस कंपनी ने अपनी काम करनेवाले सहयोगियों, प्रबंधकों और शीर्ष नेतृत्व के बीच एक लय, एक समन्वय ..
‘कर विजय हर शिखर’ पुस्तक हर आयु वर्ग के पाठक के लिए एक प्रेरक है। क्योंकि यह केवल आत्मकथा नहीं है, बल्कि एक आम घरेलू महिला के शिखर तक पहुँचने का एक बहुत ही अद्भुत व रोमांचकारी सफर है। पुस्तक में कई ऐसी छोटी-छोटी घटनाओं का भी जिक्र है, जो काफी महत्त्व रखती हैं। यह पुस्तक सिलिगुड़ी की एक आम लड़की प्रे..
गीत तो गंगा की पावन पवित्र धारा के समान है। गीत का इतिहास बताता है कि हज़ारों वर्षों से चली आ रही इस परम्परा के साथ भले ही वक़्त छेड़छाड़ करता रहा हो, लेकिन उसके मूल स्वरूप को कोई नहीं बिगाड़ पाया, इसलिए ये गंगा पहले भी अपनी शान्त लहरों से जनमानस को आप्लावित करती रही और आज भी कर रही है।मनुष्य के जन्म..
इतिहास बताता है कि धार्मिक मतभेद सभ्यताओं के संघर्ष का एक बड़ा कारण रहा है। धार्मिक और सांस्कृतिक समन्वय के लिए प्रसिद्ध भारत भी मध्यकाल के आते-आते इन मतभेदों से अछूता न रह सका। धर्म का स्थान आडम्बरों ने ले लिया और सामाजिक एकता पर संकट गहराने लगा। तब देश के संत-सुधारकों ने एक मौन क्रांति का सूत्रपात ..
यह कहानी है सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक की, जो दरशाती है कि परिवर्तन अभी भी हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी भरोसा किए जाने और ललकारे जाने पर, प्रोत्साहनों एवं बोनस आदि के बिना भी, किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सफलता की यह कहानी दरशाती है कि सार्वजनिक ..
हमारी प्राचीन संस्कृति में स्त्रियों का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्हें शक्ति और गौरव का प्रतिरूप माना गया है। 21वीं शताब्दी में भारत को एक युवा राष्ट्र माना जाता है और युवा भारत की महिलाएँ फैशन डिजाइनर, आंतरिक सज्जाकार, निर्यातक, प्रकाशक, वस्त्र निर्माता के रूप में उल्लेखनीय प्रगति क..