हिन्दी भाषा पर विचार करते समय हम उसकी सहभाषाओं के अवदान को नहीं भुला सकते, क्योंकि हिन्दी की असली शक्ति उसकी तद्भव सम्पदा में है। इन तद्भवों का एक बड़ा स्रोत उसकी सहभाषाएँ और बोलियाँ हैं। इन जनपदीय भाषाओं में रचे साहित्य ने भक्ति आन्दोलन और देश के स्वतंत्रता-संग्राम में विशेष योगदान किया था।यह..
यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि अंग्रेज़ी अब एक अन्तरराष्ट्रीय भाषा बन चुकी है। फ़्रेंच, स्पेनिश आदि भाषाएँ जो कभी अंग्रेज़ी का मुक़ाबला किया करती थीं, अब कोसों पीछे रह गई हैं। इसी तरह सम्पूर्ण भारत में हिन्दी अब एकमात्र सम्पर्क भाषा है और वह वास्तव में राष्ट्रभाषा का रूप ले चुकी है। वर्ष 2011 की जनग..
शिक्षा के स्तर को उन्नत करने के लिए शिक्षा के माध्यम को बदलना अनिवार्य है, अंग्रेज़ी के स्थान पर हिन्दी अथवा मातृभाषा का उपयोग नितान्त आवश्यक है। किन्तु इस कार्य में मुख्य कठिनाई मानकित पुस्तकों की है।यह पुस्तक इसी दिशा में एक प्रयास है। इसमें मनोविज्ञान के हिन्दी पर्यायवाची शब्दों के साथ-साथ उनके..
हिन्दी के प्रयोग की बढ़ती व्यापकता को देखते हुए हिन्दी-प्रेमी प्रबुद्ध वर्ग हिन्दी के एक नवीन और सर्वांगपूर्ण विशाल कोश की आवश्यकता तीव्रता से अनुभव कर रहा था। हिन्दी के उपलब्ध शब्दकोशों में भी नए प्रचलित हो चुके शब्दों का अभाव खटक रहा था। साथ ही ज्ञान-विज्ञान की अनेक शाखाओं के सहज अंग्रेज़ी शब्दों क..
एक बृहद् और प्रामाणिक हिन्दी शब्दकोश जो पाठकों के हिन्दी ज्ञान को अधिक समृद्ध बनाने में उपयोगी है। इसमें हिन्दी में प्रयोग होने वाले प्रायः सभी शब्द सम्मिलित हैं और यह प्रत्येक पुस्तकालय, विद्यालय, महाविद्यालय, कार्यालय, शोधकर्ता, शिक्षार्थी और विद्यार्थी के लिए उपयुक्त है। इसमें 50,000 से अधिक शब्द..
अधिकतम प्रयोग होने वाले 20,000 हिन्दी के शब्द और उनके अर्थ जिस शब्द के अनेक अर्थ हैं, उसके प्रत्येक अर्थ को 1,2,3 आदि संख्या देकर अलग-अलग दिया गया है अनेक उपयोगी परिशिष्ट जिनकी निरन्तर आवश्यकता पड़ती रहती है प्रत्येक विद्यार्थी, शिक्षक, लाइब्रेरी, स्कूल, कॉलेज, कार्यालय के लिए उपयोगी विश्वविख्यात कोश..
राजपाल संक्षिप्त हिन्दी शब्दकोश संक्षिप्त होते हुए भी बहुत उपयोगी है और इसमें अधिकतम प्रयोग होने वाले ऐसे हिन्दी शब्द सम्मिलित हैं जिनकी आवश्यकता प्रतिदिन के कार्यों में पड़ती रहती है। इसमें: उन सभी शब्दों का समावेश है जिनकी हिन्दी के सामान्य पाठक को प्रायः आवश्यकता होती है प्रत्येक शब्द के सरल हिन्द..
‘तुकान्तक शब्दकोश'—तुक से अन्त होनेवाले शब्दों का संकलन। लय, स्वर और ताल के बिना जैसे संगीत निष्प्रभ है, वैसे ही तुक के बिना कविता नीरस है।तुक से ही एक सामान्य वाक्य को कविता में ढाला जा सकता है। अभिव्यक्ति को प्रभावी बनाया जा सकता है।परमानन्द चतुर्वेदी का यह तुकान्तक कोश उनके अनेक सालों के कड़े ..
यह शब्दकोश विशेष रूप से पब्लिक स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है। इसमें हाई स्कूल तक की पाठ्य-पुस्तकों में आने वाले प्रायः सभी शब्दों के सरल अर्थ दिये गये हैं। जहां केवल शब्द का अर्थ देने से आशय स्पष्ट नहीं होता, वहां चित्र भी दिये हैं। इस कोश की विशेषता यह भी है कि इसमें यथास्थान शब..
समान्य धारणा है कि ‘विलोम शब्दकोश’ केवल उन विद्यार्थियों के काम के होते हैं, जिन्हें भाँति-भाँति की परीक्षाएँ देनी होती हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि हिंदी के लिए या हिंदी में काम करनेवाले प्रायः सभी तरह के लोगों को कभी-न-कभी विलोम शब्दों को जानने-समझने की आवश्यकता होती ही है। इस अर्थ में यह कोश वि..
प्रस्तुत शब्दकोश में उर्दू के बहुप्रचलित शब्दों के साथ ही अरबी, फारसी, तुर्की से आगत उन उपयोगी शब्दों को भी जमा किया गया है जो अच्छी हिन्दी का आवश्यक अंग बन गए हैं या जिनकी सहायता से उर्दू साहित्य का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है तथा उर्दू शब्दों के सही उच्चारण और अर्थ को समझा जा सकता है। यह व..