आज़ादी के बाद, शासन की जो प्रणाली भारत में अस्तित्व में आई, उसमें एक राष्ट्र और उसके जन-जीवन का सारा दारोमदार प्रधानमंत्री पर होता है। इस प्रकार एक राष्ट्र के रूप में भारत की सफलताओं और उपलब्धियों का समूचा इतिहास अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों की कार्यशैली और नेतृत्व-क्षमता में ही निहित है। इस पुस्तक म..
तकनीक और संचार के अभूतपूर्व विस्तार तथा राजनीति में लोगों की बेहिसाब दिलचस्पी के मेल से हैरतअंगेज़ नतीजे सामने आए हैं। इसका एक चिन्ताजनक पहलू है—इतिहास के निर्माताओं, समाज के नेतृत्वकर्ताओं और उनके कार्यों के बारे में सचाई से परे मनगढ़ंत बातों का बड़े पैमाने पर प्रसार। यह स्थिति आम जनता को भ्रमित करत..
दुनिया की आधी आबादी महिलाओं की हैं, लेकिन दुनिया के उत्तरदायी पदों पर उनकी भागीदारी एक चौथाई से भी कम है। यदि हम संसार के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों की बात करें तो महिलाओं को यह उच्च पद बहुत कम मिले हैं, परंतु जब भी उन्हें अवसर दिया गया है उन्होंने अपने व्यक्तित्व और कार्यशैली की छाप छोड़ी है।..