हिंदी में फिल्म या टेलीविजन निर्माण तथा इसकी विभिन्न प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देनेवाली, बल्कि इस विषय से संबंधित पठनीय प्रामाणिक पुस्तकों का सर्वथा अभाव है। यह सर्वविदित है कि दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में भारत में बनाई जाती हैं। इसके बावजूद हिंदी टी.वी. चैनलों के कार्यक्रम-निर्माण संबंधी पु..
आज के भौतिकवादी युग में चहुँ ओर मैं और मेरा पैकेज, मैं और मेरे परिवार में उपभोक्तावाद एवं भोगवाद का बोलबाला है, जिससे नवयुवकों में सही-गलत, सत्य-असत्य, नैतिकता-अनैतिकता, सदाचार-दुराचार आदि को जानने व समझने की शक्ति घटती जा रही है। विविधताओं को भिन्नता यानी भेद बनाकर भड़काया जा रहा है। मानवीय संवेदना..
व्यक्ति के जविन के मुख्यत: छह पड़ाव होते हैं-शिशु बालक, किशोर, युवा, प्रौढ एवं वृद्ध । इन्हीं अवस्थाओं में व्यक्तित्व का निर्माण और विकास होता है । व्यक्तित्व- निर्माण में अनेक अवरोध आते हैं । हर अवस्था की अपनी एक क्षमता, संभावनाएँ एवं सीमाएँ होती हैं । हर व्यक्ति की दो तसवीरें होती हैं- धवल ..
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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, 1st Ed.
Pages 174p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan..