यों तो उम्र के किसी भी पड़ाव पर औरत सुरक्षित नहीं है, पर जब मासूम बचपन देह व्यवसाय के घिनौने सौदागरों के हाथ में पड़कर दम तोड़ता है, तो निस्संदेह समूचा परिदृश्य गंभीर चिंता का विषय बन जाता है। प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीमती उषा यादव का मानना है कि देह शोषण की शिकार बच्चियों की व्यथा-कथा को बयान करना भी..
1. आलोचक, लेखक, अध्यापक, सम्पादक नलिन विलोचन शर्मा का हिन्दी साहित्य में महत्त्वपूर्ण योगदान है। आलोचना, कविता, कहानी, निबन्ध, अनुवाद, पुस्तक समीक्षा आदि सभी विधाओं में उनकी लेखनी अबाध गति से चली है। वे आधुनिकता के प्रबल प्रवक्ता थे तो परम्परा के भी उतने ही गहरे जानकार थे। प्रगतिवाद बनाम आधुनिकता के..