अजब-गजब मेरी दुनिया के चहेते लेखक रस्किन बॉन्ड अपनी पैनी नज़र और व्यंग्य की स्याही में डूबी कलम से आस-पास की जगहों, लोगों, जीव-जन्तुओं, दूर-पास के कुछ सिरफिरे रिश्तेदारों, यहाँ तक कि अपने साथ भी समय-असमय घटित अद्भुत घटनाओं को चटखारे ले-लेकर वर्णित करते हैं। इस पुस्तक में उनकी यह अनूठी बयानबाजी कभी प..
अजब-गजब मेरी दुनिया के चहेते लेखक रस्किन बॉन्ड अपनी पैनी नज़र और व्यंग्य की स्याही में डूबी कलम से आस-पास की जगहों, लोगों, जीव-जन्तुओं, दूर-पास के कुछ सिरफिरे रिश्तेदारों, यहाँ तक कि अपने साथ भी समय-असमय घटित अद्भुत घटनाओं को चटखारे ले-लेकर वर्णित करते हैं। इस पुस्तक में उनकी यह अनूठी बयानबाजी कभी प..
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का आँखों-देखा हाल बयान करती यह किताब दुनिया के सबसे विकसित और शक्तिशाली देश के उस चेहरे का साक्षात्कार कराती है जो उसकी बहुप्रचारित छवि से अब तक प्रायः ढँका रहा है। 42 दिनों की यात्रा में लेखक ने कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दौर में 34 दिन कार चलाकर लगभग 18 हजार किलोमीटर का ..
‘‘ठीक है, जैसा तुम कहो; लेकिन मुझे नहीं लगता कि तुम्हें बीमारी के मामले में कोई ज्यादा तजुरबा है और तुम्हारी मदद करके मुझे खुशी ही होती! जब तुम्हारे पति की ऐसी हालत होती है तो अमूमन तुम क्या करती हो?’’
‘‘मैं...मैं उन्हें सोने देती हूँ।’’
‘‘बहुत ज्यादा सोना भी सेहत के लिए बहुत अच्छा नहीं होता। तुम ..
भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना के कालखंड पर आधारित एक वृहत् महागाथा जो हमें सन् 1757 के बंगाल के प्रसिद्ध प्लासी के युद्ध के बीच लाकर खड़ा कर देती है।सिराजुद्दौला, क्लाइव और मराली—तीनों के माध्यम से दो शती पूर्व के बंगाल के इतिहास से दर्ज घटनाएँ अपने आप आँखों के सामने बिखर जाती हैं।सिद्ध कथा..
एक दिन दुनिया के दोनों सबसे बड़े प्रजातांत्रिक देशों में अपनी-अपनी महानता को लेकर बहस हो गई। अमेरिका कहने लगा, ‘‘बड़े-बड़े आतंकी मुझसे घबराते हैं। दुनिया मेरा लोहा मानती है। अतः मैं तुझसे बड़ा हूँ।’’ भारत ने अपनी मूँछ मरोड़ते हुए कहा, ‘‘मैं तेरे बड़प्पन को नहीं मानता। तू हमारे सामने टिकता कहाँ है? त..
राधू करमाकर दरअसल राजकपूर के सबसे विश्वस्त सिनेमैटोग्राफ़र थे। ‘आवारा’ और ‘श्री 420’ जैसी उत्कृष्ट फ़िल्मों की उनकी ख़ूबसूरत फ़ोटोग्राफ़ी को आज भी दर्शक उत्सुकता और रोमांच से देखते और सराहते हैं। राधू करमाकर की गणना उस दौर के विश्व के दस महान सिनेमैटोग्राफ़रों में की जाती थी। सोवियत रूस में इनकी कुछ..
यह मूल रूप से कोल्हापुर में रहनेवाले और एक छोटे से परिवार में जन्मे एक ऐसे युवक की दास्तान है जो पढ़ने में तो मेधावी था ही, उससे भी ज़्यादा आत्मबल से सम्पन्न था। यह युवक हैं : जयंत नार्लीकर।उनके पिता तात्यासाहब नार्लीकर भी बहुत मेधावी व्यक्ति थे। जयंत की स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई बना..
पस्तक में एक मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार की गृह-स्वामिनी श्रीमती शीला श्रीवास्तव के स्तन कैंसर के उपचार में घोर चिकित्सीय लापरवाही से उत्पन्न दुरूह स्थिति एवं उनके पति, संतानों तथा अन्य परिवारजनों के कटु तथा खट्टे-मीठे अनुभवों का समावेश है।
चिकित्सीस लापरवाही के परिणाम-स्वरूप श्रीमती शीला श्रीवास्त..
"मनुष्य के कार्य उसकी बाहरी व आंतरिक आवश्यकताओं से निर्धारित होते हैं। अल्बर्ट आइंस्टाइन को उनके ‘सापेक्षता के सिद्धांत’ तथा सैद्धांतिक भौतिकी में उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है। सन् 1921 में उन्हें भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। क्वांटम थ्योरी, वॉर्महोल्स तथा थर्मोडायनामिक्स प..
"जब अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन ने इस दौड़ में अपने सहयोगी के तौर पर सीनेटर एवं अटॉर्नी के पद पर कमला हैरिस के नाम की घोषणा की तो पूरी दुनिया की निगाहें उनपर टिक गईं।
जब से बाइडन ने इस पद के लिए कमला के नाम की घोषणा की थी, तभी से कुछ सवाल चर्चाओं में थे—
कमला हैरिस में ऐसा क्या था,..