अखण्ड राष्ट्र के रूप में संगठित होने के पूर्व भारतवर्ष ने साहस एवं उत्सर्ग की अनगिनत परीक्षाएँ दी हैं। धीरोदात्त वीरों ने सैकड़ों वर्षों की आततायी शोषणकारी राज्य व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने के लिए अदम्य संघर्ष किये हैं। इन संघर्षो को इतिहास के अनेक स्वनाम-गुमनाम नायकों ने शक्ति एवं नेतृत्व प्रदान क..
मदनलाल ढींगरा का जन्म 18 सितंबर, 1883 को पंजाब प्रांत के एक संपन्न हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता दित्तामलजी सिविल सर्जन थे और अंग्रेजी रंग में पूरी तरह रँगे हुए थे; किंतु माताजी अत्यंत धार्मिक एवं भारतीय संस्कारों से परिपूर्ण महिला थीं। उनका परिवार अंग्रेजों का विश्वासपात्र था। जब मदनलाल को भा..
राडिया कांड मीडिया की ताक़त और उसकी ख़ामी, दोनों को एक साथ दर्शाता है। ताक़त इस बात की कि मीडिया जनमत बना सकता है, जनमत को बदल सकता है, लोगों के सोचने के एजेंडे तय करता है और ख़ामी यह कि मीडिया पैसों के आगे किसी बात की परवाह नहीं करता। मीडिया को पैसेवाले पैसा कमाने के लिए और ताक़त के लिए चलाते हैं। ..
राडिया कांड मीडिया की ताक़त और उसकी ख़ामी, दोनों को एक साथ दर्शाता है। ताक़त इस बात की कि मीडिया जनमत बना सकता है, जनमत को बदल सकता है, लोगों के सोचने के एजेंडे तय करता है और ख़ामी यह कि मीडिया पैसों के आगे किसी बात की परवाह नहीं करता। मीडिया को पैसेवाले पैसा कमाने के लिए और ताक़त के लिए चलाते हैं। ..
पं.लखनलालजी मिश्र ग्रामीण पृष्ठ- भूमि से जुड़े हुए एक ऐसे पुरुष हैं, जिनकी जड़ें एक ओर तो छत्तीसगढ़ के परंपरागत मालगुजारी विरासत की परिवार परंपरा से जुड़ी हुई हैं तो दूसरी ओर पारिवारिक विवशता के होते आजीविका के रूप में तत्कालीन ब्रिटिश पुलिस की नौकरी से खुद जुड़ गए। यह एक अनोखी विडंबना है कि एक व्यक..
‘‘मराठी में पहली बार काफ़ी ऊँचे दर्जे का सांगीतिक सैद्धान्तिक निरूपण।’’ —डॉ. अशोक रानडे ‘‘इस ग्रन्थ ने हिन्दुस्तानी संगीत की सैद्धान्तिकी को निश्चित रूप से आगे बढ़ाया है। वामनराव जी का यह कार्य अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।’’ —डॉ. बी.वी. आठवले ‘‘घरानेदार गायकी’ ग्रन्थ शास्त्रीय संगीत क..
वर्ष 1962 में भारत पर चीनी आक्रमण स्वतंत्र भारत के इतिहास की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और भारतीय सेना की शर्मनाक पराजय एक कलंक। वह हार सेना की नहीं थी, अपितु तत्कालीन सरकार की लापरवाही के कारण हुई थी। भारत की सरकार पंचशील के भ्रम में और ‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ के नारे में मस्त रही; यद्यपि चीन द्वारा ति..
प्रस्तुत पुस्तक डॉ. वेदवती राठी के दस वर्षों के अध्यवसाय के फलस्वरूप लिखी गई है। अत: अब तक हिन्दी ललित निबन्ध के विषय में जो धारणाएँ व्यक्त की गई हैं, उनका समावेश तो प्रस्तुत पुस्तक में है ही, विविध प्रश्नों पर मौलिक चिन्तन करके अपना अभिमत देकर विदुषी लेखिका ने भरपूर चेष्टा की है कि ललित निबन्ध के व..
आज़ादी से पहले के हमारे अग्रणी नेताओं में से एक और आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सही मायने में 'आधुनिक भारत का निर्माता' कहा जाता है। महात्मा गाँधी के इस मनपसंद अनुयायी को 'पंडित नेहरू' भी कहा जाता था जिनकी शिक्षा-दीक्षा संसार के बेहतरीन स्कूलों-विश्वविद्यालयों में हुई। अंग्रेजी भा..