अने फ़्रांक की लिखी 'एक किशोरी की डायरी' विश्व की श्रेष्ठ कृतियों में गिनी जाती है। जर्मनी में जन्मी अने ने यह ‘डायरी’ 1942 से 1944 के दौरान लिखी। इसमें युद्ध के बाद जर्मन क़ब्ज़े के दौरान डच लोगों की पीड़ा का आँखों-देखा विवरण है। एक 15 वर्षीय किशोरी ने समाज की उथल-पुथल और अपने मन की कशमकश को बहुत ही..
युवा वर्ग के जीवन का महत्त्वपूर्ण संबल है अच्छा स्वास्थ्य। पोषण एवं यौन स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी को आसान तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास है। सही जानकारी के अभाव में युवा कई तरह के यौन संक्रमण एवं उससे होनेवाली जटिल समस्याओं के शिकार होते हैं।
ऐसे कई नाजुक एवं जरूरी विषयों को हमने छुआ है।
आज ह..
आज की आपाधापीवाली जिंदगी में प्रतियोगिताएँ बहुत बढ़ गई हैं। शिक्षा व कैरियर के साथ लड़कियों के पास घर के काम-काज के लिए समय का अभाव है। दूसरी ओर घरेलू श्रम महँगा हो गया है। इन परिस्थितियों में अपनी किशोरी बेटी को ‘अपने हाथ जगन्नाथ’ का गुर सिखाना होगा। सपनों की दुनिया से बाहर के कटु यथार्थों से भी उस..