इस पुस्तक में भारत के 100 चुनिंदा खिलाड़ियों का जीवन-चित्र और खेल के क्षेत्र में उनके योगदान का परिचयात्मक वर्णन प्रस्तुत है। हर खिलाड़ी ने जो उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं उनका भी उल्लेख किया गया है। बैडमिंटन से लेकर शतरंज तक और नौका दौड़ से लेकर वेटलिफ्टिंग तक बाइस खेलों में से एक सौ खिलाड़ियों को इसमें स..
दुनिया ने दूसरा ध्यानचंद नहीं देखा। हॉकी के जादूगर की पदवी उन्हें अनायास नहीं मिली। केवल ध्यानचंद ने ही मैदान पर अपनी जादूगरी से सभी को चमत्कृत और झंकृत नहीं किया, बल्कि रूप सिंह, किशन लाल, के.डी. सिंह ‘बाबू’, बलबीर सिंह, लेस्ली क्लाडियस, ऊधम सिंह, मो. शाहिद, परगट सिंह एवं धनराज पिल्लै सरीखे खिलाडि़..
अखंड चेतना का पर्याय है भारत। यह मात्र एक भौगोलिक इकाई नहीं, जिसे नदियों, पहाड़ों, मैदानों या समुद्र-तटों से परिभाषित किया जा सके। यह तो संस्कृति की सनातन यात्रा का यायावर है। इसे हम आलोक का महापुंज भी कह सकते हैं। ‘भा’ का अर्थ प्रकाश ही तो होता है। भा+रत यानी प्रकाश में रत, प्रकाश में लवलीन, या यों..
मुंशी प्रेमचन्द की गिनती हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानी-लेखकों में की जाती है। 1880 में उनका जन्म वाराणसी के एक छोटे से गांव लमही में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका घर का नाम धनपतराय था। स्कूल में अध्यापन का कार्य करते हुए उन्होंने कहानियां और उपन्यास लिखने शुरू किये। उन्होंने सैकड़ों कहानियां और एक ..
प्रेमचंद निस्संदेह हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानीकार थे जिनकी गणना विश्वस्तरीय साहित्यकारों में होती है। अपने जीवनकाल में उन्होंने 250 से अधिक कहानियाँ लिखीं जो मुख्यतः उस समय के समाज के यथार्थ को दर्शाती हैं। इनमें बालविवाह, गरीबी, भुखमरी, ज़मींदारों के अत्याचार के खिलाफ एक जागरूकता बढ़ाने का भी प्रया..
प्रेमचंद निस्संदेह हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानीकार थे जिनकी गणना विश्वस्तरीय साहित्यकारों में होती है। अपने जीवनकाल में उन्होंने 250 से अधिक कहानियाँ लिखीं जो मुख्यतः उस समय के समाज के यथार्थ को दर्शाती हैं। इनमें बालविवाह, गरीबी, भुखमरी, ज़मींदारों के अत्याचार के खिलाफ एक जागरूकता बढ़ाने का भी प्रया..