"कमलेश्वर के उपन्यासों में काली आँधी का अपना विशिष्ट स्थान है। इंदिरा गाँधी के प्रधानमंत्रित्व काल में इसकी रचना हुई और इसका मुख्य चरित्र उन्हीं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्हीं के समान दबंग, उन्हीं के समान दुनिया को प्रभावित करने वाला और मानो आँधी की तरह समाज और राजनीति को हिलाकर रख देनेवाला चरित्र।..
अगर आपको मेरी कहनियाँ अश्लील या गन्दी लगती है , तो जिस समाज में आप रह रहे है , वह अशलील और गन्दा है . मेरी कहनियाँ तो केवल सच दर्शाती है .....अक्शर ऐसा कहते थे मंटो जब उन पर अश्लीलता के इल्जाम लगते . बेबाक सच लिखने वाले मंटो बहुत से ऐसे मुदो पर भी लिखते जिन्हें उस समय के समाज में बंद दरवाजो के पीछे ..
अगर आपको मेरी कहनियाँ अश्लील या गन्दी लगती है , तो जिस समाज में आप रह रहे है , वह अशलील और गन्दा है . मेरी कहनियाँ तो केवल सच दर्शाती है .....अक्शर ऐसा कहते थे मंटो जब उन पर अश्लीलता के इल्जाम लगते . बेबाक सच लिखने वाले मंटो बहुत से ऐसे मुदो पर भी लिखते जिन्हें उस समय के समाज में बंद दरवाजो के पीछे ..