जीवन में कौन सफल और विजयी होना नहीं चाहता। यह पुस्तक एक सफल उच्च पदस्थ प्रबंधक के व्यावहारिक अनुभव का निचोड़ है, जो आपको बताएगी कि सफल होने, विजय प्राप्त करने और जीवन में आगे बढ़ने के गुर क्या हैं। बानगी के लिए प्रस्तुत हैं कुछ सूत्र—
• किसी भी अवरोध के पश्चात् यह आवश्यक है कि उस रुकावट का ब्योरा ..
आपातकाल के बारे में कई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। इस संघर्ष में गुजरात का विशेष योगदान रहा है। प्रस्तुत पुस्तक एक ऐसे व्यक्ति द्वारा लिखी गई है जिसने गुजरात से बाहर यानी यूरोप, अमेरिका आदि में बैठकर नहीं बल्कि गुजरात में रहकर, इस संघर्ष का एक सिपाही बनकर जो कुछ सहा, भोगा और देखा। ऐसे ही व्यक्ति की..
‘एक सुरक्षित गर्भावस्था और प्रतिभाशाली बच्चा यों ही नहीं हो जाता’ बल्कि यह जागरूकता, सही जानकारी, सक्रिय रूप से शामिल माता-पिता और उनको चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध करवाने वाली टीम का सामूहिक प्रयास होता है।
गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन का सबसे सुखद दौर होता है। नवजात के आगमन की बहुत सारी तैयारी करनी..
‘‘अगर सारी कठिनाइयों से हार न मान कर मैं इतना कुछ हासिल कर सका हूँ तो कोई भी ऐसा कर सकता है-यही संदेश है जो मैं इस पुस्तक के ज़रिये अपने देश के युवाओं को देना चाहता हूँ। इस पुस्तक से प्रेरित होकर यदि एक भी युवा अपना सपना हासिल कर लेता है तो मैं मानूँगा कि इसे लिखने का मेरा प्रयास सफल हुआ। यह पुस्तक ..
‘आपका बंटी’ मन्नू भंडारी के उन बेजोड़ उपन्यासों में है जिसके बिना न बीसवीं शताब्दी के हिन्दी उपन्यास की बात की जा सकती है न स्त्री–विमर्श को सही धरातल पर समझा जा सकता है। तीस वर्ष पहले (1970 में) लिखा गया यह उपन्यास हिन्दी की लोकप्रिय पुस्तकों की पहली पंक्ति में है। दर्जनों संस्करण और अनुवादों का यह ..
आपका बंटी' मन्नू भंडारी की अत्यन्त चर्चित और हिन्दी उपन्यासों के इतिहास में मील का पत्थर मानी जानेवाली कृति है। टूटते परिवारों के बीच बच्चों को किस मानसिक यातना से गुज़रना पड़ता है, इस उपन्यास में उसे लगभग दस्तावेज़ी ढंग से अंकित किया गया है। जिस संवेदनशीलता और स्नेह से मन्नू जी इस चरित्र और उसके मान..
बीमारी केवल शारीरिक ही नहीं हुआ करती, अगर व्यक्ति मानसिक बीमारियों जैसे-काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि से ग्रस्त हैं तो भी वह बीमार ही माना जाएगा। अत: पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति वह है, जो शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से स्वस्थ है।
बीमारियों का कारण हम स्वयं बनते हैं। शारीरिकबीमारियों केनिवारण केलिए 'प्रात: भ्रमण'..
किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए व्यक्ति के व्यक्तित्व की निर्णायक भूमिका होती है। व्यक्तित्व का विकास हम स्वयं भी कर सकते हैं। प्रसिद्ध क्रांतिकारी और विचारक लाला हरदयाल की इस युगांतकारी अमर कृति में व्यक्तित्व के विकास के सूत्र अत्यन्त सरल और रोचक भाषा-शैली में सुझाए गए हैं। एक अत्यन्त उपयोगी..
गीत कहाँ है अब यहाँ/गीत जैसा कुछ है’—गीतकार स्वानंद किरकिरे इस संग्रह की एक कविता की शुरुआत इन पंक्तियों से करते हैं। वे इधर की फ़िल्मों के चहेते गीतकारों में से एक हैं, जिसकी वजह शायद यह ईमानदारी ही है? इन कविताओं की उपलब्धि भी और औज़ार भी यही ईमानदारी है। कवि के रूप में उन्होंने कहीं अपने व्यक्ति स..
क्या आपकी दिलचस्पी महज किसी कैरियर की दौड़ में है, या आपकी मंशा यह जानने की है कि आप जीवन में वस्तुतः क्या करना पसंद करेंगे-ऐसा काम जिससे आपको सचमुच लगाव हो? क्या आज की दुनिया में जीने के लिए महत्त्वाकांक्षा और होड़ वाकई जरूरी है? व्यक्ति और समाज की समस्याओं जैसे कि गरीबी, भ्रष्टाचार और हिंसा के बार..
आरक्षण का देश में विभिन्न संदर्भों, साक्ष्यों एवं वक्तव्यों के परिप्रेक्ष्य में प्रसिद्ध पत्रकार एवं चिंतक श्री अरुण शौरी ने यह बताने का प्रयास किया गया है कि आरक्षण को लेकर भारत की राजनीति किस दिशा में जा रही है। चूँकि आज राजनेता और राजनीतिक दल अपने कार्य-प्रदर्शन के आधार पर स्वयं को स्थापित नहीं ..
प्रस्तुत पुस्तक ‘आर्थिक संवृद्धि और विकास’ में अर्थशास्त्र में हुए नवीन विचारों, धारणाओं और सिद्धान्तों का समावेश किया गया है। प्रायः सभी अध्यायों में महत्त्वपूर्ण विषय सामग्री सम्मिलित की गई है। जटिल विषयों को सरल भाव में उदाहरणों और रेखाचित्रों द्वारा स्पष्ट किया गया है। विश्वव्यापीकरण के इस य..